भाजपा में टिकट व पैनल में नाम भेजने को लेकर बड़ा खेल होने की चर्चायें.

*एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालकर कुछ बताने को कोई तैयार नहीं
*कार्यालय में बैठने का कोई समय ही नहीं, जो बैठते है वे कुछ बोलते नहीं
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
नगर निकाय चुनाव के आते ही सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के तेवर ही बदल गये। सभी दलों के लिए निकाय चुनाव का नामांकन मतदान व मतगणना कोसो दूर है। अभी प्रत्याशियों की घोषणा तक नहीं हुई है। भाजपा जिलाध्यक्ष सत्ता के नशे में इतने चूर कि वह बिना नामांकन व बिना प्रत्याशियों की घोषणा के ही सभी सीटो को जीता समझ रहे है। जनता के बीच जब मिलते है तो यह लगता है कि इनसे अच्छा और सीधा व्यक्ति कोई नहीं, लेकिन जब जिला कार्यालय पर कोई मिलने जाये तो उनके तेवर बदले होते हंै। निकाय चुनाव के लिए जैसे ही आवेदन लेने की तिथि की घोषणा हुई तो भाजपा कार्यालय में दावेदारों का जमावाड़ा लगना शुरु हो गया और जिसने भी आवेदन किया उसने जिलाध्यक्ष या अधिकृत पदाधिकारी को आवेदन देते समय फोटो खिचाकर सोशल मीडिया पर खूब वायरल की। तब भाजपा को गोपनीयता नजर नहीं आयी। आवेदन की तिथि समाप्त होते ही जब उनसे यह जानकारी चाही गई कि किस नगर पालिका या नगर पंचायत से कितने लोग दावेदार लाइन में है तो पहले एक दूसरे पर यह कहकर टाल दिया कि यह जानकारी स्थानीय निकाय संयोजक डीएस राठौर देंगे, और जब डीएस राठौर से जानकारी चाही गई तो उन्होंने जिलाध्यक्ष से बात कर लेने की बात कही, लेकिन कार्यालय में कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं बैठता है और जो भी कार्यालय में बैठने के लिए अधिकृत किया गया वो एक ही जबाव था कि अमुख जानकारी जिलाध्यक्ष ही बतायेगे। कुल मिलाकर कहे तो जिलाध्यक्ष के आगे अन्य पदाधिकारी मिट्टी का माधव बन गये है, किसी को कुछ बोलने या बताने की कोई स्वतंत्रता नहीं है। जिलाध्यक्ष से बात की गई तो फोन पर कई बार एक ही जबाव की मंै बाहर हूं और अंत में सभी उम्मीदवारों के नाम की गोपनीयता का हवाला देकर बताने से कन्नी काट गये। निकाय चुनाव में मतदान व मतगणना अभी काफी दूर है। प्रत्याशियों की घोषणा अभी बांकी है। नामांकन प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। वहीं सूत्रों की माने तो टिकट दिलाने व पैनल में नाम भेजने के नाम पर गुप्त दरवाजे से भी मोटा खेल चला है, लेकिन खुलकर कोई बोलने को इसलिए तैयार नहीं है कि पार्टी उसके खिलाफ कार्यवाही कर देगी? इस प्रकार की हो रही चर्चाओं का हमारा समाचार पुष्टि नहीं करता है। इस संदर्भ में जब जिलाध्यक्ष और स्थानीय निकाय संयोजक से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो दोनों पदाधिकारियों ने फोन नहीं उठाया।

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