दोहरे हत्याकांड में हुआ फैसला, तीस हजार लगाया गया अर्थदंड
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जिला जज कक्ष संख्या 4 न्यायाधीश डॉ- अनिल कुमार सिंह ने हत्या व साक्ष्य मिटाने के मामले में शिवकुमार सिंह पुत्र श्याम सिंह उर्फ बड़ेलाल उर्फ विश्वनाथ सिंह निवासी ईसेपुर मोहम्दाबाद को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व तीस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
बीते 26 वर्ष पूर्व सत्यपाल सिंह निवासी भदई किशनी मैनपुरी ने कोतवाली मोहम्दाबाद पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया कि मेरे बड़े भाई प्रतिपाल सिंह का विवाह श्याम सिंह उर्फ बड़े लल्ला लल्ला की पुत्री के साथ हुआ था। श्याम सिंह की पुत्री मीरा की मृत्यु हो गयी थी। परिवार के सदस्यों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद ईसेपुर गॉव में पंचायत हुई थी। पंचायत में श्याम सिंह को 40 हजार रुपये नगद दिए थे। उसके बाद मैनपुरी न्यायालय में मेरे पक्ष में शपथ पत्र दाखिल कर दिया था। किन्तु मुकदमा विचारण के समय श्याम सिंह को तलब किया गया। मुकदमे 2 जनवरी 1998 की तिथि नियत थी। 31 दिसम्बर 1997 को दीपू पुत्र लल्ला श्याम सिंह के सह हिस्सेदार ने उसके घर आकर पूछा था कि प्रतिपाल सिंह को श्याम सिंह ने अपने घर पर बुलाया है। वे लोग उसके घर से गवाही के लिए जायेंगे तो प्रतिपाल सिंह, नेत्रपाल, राकेश अपनी-अपनी साइकिल से लल्ला सिंह के घर ग्राम ईसेपुर गए। वहाँ पर श्याम सिंह को भी बुलाया गया। श्याम सिंह ने उनसे कहा वे लोग सुबह मैनपुरी चलेंगे। उसके बाद नेत्रपाल अपने घर वापस आ गए और प्रतिपाल सिंह, राकेश सिंह को लल्ला के घर छोड़ दिया। ०२ जनवरी को हम लोग मैनपुरी न्यायलाय में इंतजार करते रहे, लेकिन वह लोग न्यायलाय नही पहुंचे। उसके बाद हमने अपने भाई प्रतिपाल, राकेश सिंह की खोजबीन करते हुए श्याम सिंह व लल्ला के घर पर गये, लेकिन वह लोग घर पर नहीं मिले। उसके बाद गांव के कुछ लोगों के ईसेपुर गांव में रिस्तेदार थे उन लोगों ने बताया कि शिव कुमार, लल्ला, दीपू ने प्रतिपाल व राकेश सिंह की गला दबाकर हत्या कर दी है। प्रतिपाल सिंह की लाश गॉव के बाहर मिली, जबकि राकेश सिंह की लाश का पता नहीं चला। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार न्यायालय में आरोप पत्र दखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय की पैरवी के आधार पर न्यायाधीश डॉ0 अनिल कुमार सिंह ने शिवकुमार पुत्र श्याम सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व तीस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। साक्ष्य के अभाव से लल्ला सिंह, दीपू को दोष मुक्त कर दिया।