गिलौंदा के संविलियन विद्यालय में झाड़ू लगाते मिले स्कूली बच्चे
नवाबगंज, समृद्धि न्यूज। शिक्ष्रक किस तरह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, इसका नजारा गुरुवार को एक स्कूल में देखने को मिला। जिन बच्चों के हाथ में कलम व कॉपी होनी चाहिए थी, उनके हाथों में झाड़ू थी और वह स्कूल की सफाई करने में मशगूल थे।
जानकारी के अनुसार नवाबगंज विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुरार के मजरा गिलौंदा के संविलियन विद्यालय में शिक्षा की पोल उस समय खुली जब मीडियाकर्मियों के स्कूल पहुंचने पर जिन बच्चों के हाथों में कॉपी किताबें होनी चाहिए थी, वह झाड़ू लेकर सफाई कर रहे थे। जब इसकी जानकारी वहां मौजूद इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिक्षक रजनीश कुमार से की गई, तो वह मीडियाकर्मियों के सवालों से बचत नजर आए। उन्होंने कोई भी इसका स्थाई उत्तर नहीं दिया और लगातार वह गुहार लगाते रहे की यह खबरें अखबार में प्रकाशित न करें, लेकिन मजे की बात है कि खंड शिक्षा अधिकारी रोजाना सुबह से ही विद्यालयों के निरीक्षण में निकलते हैं और लगातार शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होने की बात कहते हैं, लेकिन उनके यह दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं, क्योंकि जब उनके ही शिक्षक निरंकुश हो गएं है जो बच्चों को किताबों की जगह झाड़ू तथा फावड़ा थमाये हुए हैं। वहीं विद्यालय में बने शौचालय जो कभी भी खुले नजर नहीं आए। जिनके बाहर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सुखी लैट्रिन ने सीटें जाम हैं। यदि खंड शिक्षा अधिकारी निरीक्षण करते, तो ऐसी बद्तर स्थिति विद्यालय की नहीं होती। जब इसकी जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी अमर सिंह राणा को दी गई, तो उन्होंने बताया कि वह फोटो भेजकर शिक्षकों से स्पष्टीकरण तलब करेंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि खंड शिक्षा अधिकारी ऐसे शिक्षकों पर कोई भी कार्यवाही करें, क्योंकि लगातार मीडियाकर्मी विद्यालयों में जाते हैं और खबरें प्रकाशित की जाती हैं, लेकिन शिक्षकों पर इसका कोई भी असर नहीं है और ना ही इसकी कहीं पर भी कोई कार्रवाई नजर आती है।
प्रधानाध्यापक बोले सफाईकर्मी नहीं आते
प्रधानाध्यापक रजनीश कुमार ने बताया कि यहां सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। इस वजह से विद्यालय में कोई सफाई नहीं हो पाती है। जब इस बाबत जानकारी एडियो पंचायत कृष्णपाल से करनी चाही, तो उनका फोन नॉट रीचेबल था और वह किसी दूसरी ग्राम पंचायत में कोटे का चयन करने गए हुए थे। जिससे उनसे कोई भी सफाई कर्मचारी के संबंध में बात नहीं हो सकी, जबकि सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो दीवारों पर नए-नए पोस्टर छापे जाते हैं, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन का संदेश केवल कागजों तक ही सीमित है। कोई भी अधिकारी, कर्मचारी धरातल पर स्वच्छ भारत मिशन के लिए ध्यान नहीं दे रहा है।