कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में बिजनेस मैनेजमेंट के भवन की पहली मंजिल से छलांग लगाने वाली छात्रा के पास दो पत्र बरामद हुए हैं। एक पत्र माता-पिता और दूसरा बॉयफ्रेंड के लिए है। पत्र से साफ है कि वह जिंदगी से निराश है। उसे बॉयफ्रेंड से काफी उम्मीद थी, लेकिन कहीं कुछ तो हुआ, जिसके चलते उसका दिल टूट गया। लिखा है कि मैं प्यार के लायक नहीं, बदसूरत हूं,.. लेकिन तुम्हारे बिना जी न सकूंगी। वहीं, माता-पिता को लिखे पत्र में उसने कहा कि वह दूसरे बच्चों की तरह नहीं बन पाई।
वहीं, छात्रा ने एक पत्र अपने माता-पिता के लिए लिखा। उसने इस पत्र में लिखा, ”मम्मी-पापा मुझे माफ करना, मैं आप दोनों पर भार बनकर रह गई। मेरे दुनिया में आने से आप लोगों को काफी कष्ट सहने पड़े, न चाहकर भी मुझे झेलना पड़ा। आई एम सॉरी… मैं दूसरे बच्चों की तरह नहीं हूं, जिनसे आपने तुलना की। मैंने आपका प्यार पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आप की अपेक्षाएं और महत्वाकांक्षाएं हमेशा बढ़ती गईं। मैं खुद को आपकी नजरों में एक बेटी के रूप में देखना चाहती थी, लेकिन हसरत पूरी नहीं हुई। मैंने प्यार, इच्छाएं, संगीत सब त्याग दिया। पापा ने तो कभी प्यार नहीं किया। मां, आप से उम्मीद थी कि आप समझेंगी, लेकिन सब बेकार। शिक्षकों से भी शिकायत है, जिन्होंने उसे हमेशा लूजर कहा। लिखा कि मेरे मृत शरीर को दूर एक सुनसान जगह पर डाल देना, जहां मैं शांति से सोना चाहती हूं।”
पेपर खराब होने की वजह से बिल्डिंग से कूदी छात्रा
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की बीकॉम आनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा ने अर्थशास्त्र का पेपर खराब होने पर आईबीएम विभाग की बिल्डिंग की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। हैलट के डॉक्टरों के अनुसार, उसका एक्सरे और एमआरआई कराया गया है। फिलहाल हालत स्थिर है। वहीं, छात्रा की मां का कहना है कि बेटी की 10 से 1 बजे तक परीक्षा थी। शुक्रवार को ही उसका आखिरी पेपर था। गुरुवार को उसका अर्थशास्त्र का पेपर खराब हो गया था, जिसके कारण वह काफी अवसाद में थी। शुक्रवार को विश्वविद्यालय से सूचना पर वह हैलट पहुंची। बताया गया कि दोपहर 12 बजे लगभग जब हादसा हुआ तो ज्यादातर छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे थे। परीक्षा एक बजे खत्म होनी थी लेकिन जो छात्र-छात्राएं अपना काम पूरा कर चुके थे वह उत्तर पुस्तिका जमा कर जा रहे थे। छात्रा ने भी अपनी उत्तर पुस्तिका जमा कराई और परीक्षा कक्ष से बाहर निकल गई। प्रथम तल उसके नीचे गिरने की आवाज सुनकर शिक्षक और छात्र-छात्राएं बाहर निकल आए। उसे प्रथम तल की रेलिंग के नीचे गिरा देखा गया। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।