कवि सम्मेलन का श्रीमद् भागवत कथा के साथ हुआ समापन

 कवियों ने काव्यपाठ में श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। क्रांतिकारी पंडित राम नारायण आजाद की स्मृति में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देश भक्ति और राष्ट्र प्रेम के साथ भारत माता के जयघोष से सदन गूंज उठा। नगर के कृष्णा नगर कालोनी में श्रीमद भागवत कथा पांडाल में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि पंडित राम नारायण आजाद के पौत्र बॉबी दुबे आजाद व राष्ट्रीय कवि डॉ0 शिवओम अम्बर, डॉ0 संतोष पाण्डेय आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय कवि डॉ0 शिवओम अम्बर ने कहा कि श्रीमद्भगत कथा के मंचों पर कवि सम्मेलनों की जो परम्परा शुरू हुई है वह जन-जागरण का काम कर रही है। उन्होंने लफ्ज़ों में टंकार बिठा लहज़े में ख़ुद्दारी रख, श्रीमद्भागवत गीता पढ़ युद्ध निरन्तर जारी रख। मुख्य अतिथि बॉबी दुबे ने कहा कि हमारे फर्रुखाबाद की देश की आजादी में अहम भूमिका रही है, यहीं से देश के आजाद कराने की कई गतिविधियां शामिल थी और देश हथियारों और बम गोलों को बनाकर क्रान्तिकारियों को पहुंचाएं जाते थे। आज की युवा पीढ़ी को जिले के इतिहास को पढऩे की जरूरत है। सरल दुबे ने कहा कि जनपद की सांस्कृतिक धरोहर जिले की पहचान है यह कलाकारों और साहित्यकारों की भूमि हैं। राष्ट्रीय कवि डॉ0 संतोष पाण्डेय की देश भक्ति की कविता से पूरा सदन भारत माता के जयघोष से गूंज उठा। उन्होंने ऋषियों की तपोभूमि है, वेदों की शान है। वरिष्ठ कवि राम अवतार शर्मा इन्दु ने हैं जहां ठहरे हुए जन घर उसे ही मान बैठे हर लुटेरे से बने सम्बन्ध भी गहरे हुए हैं। भारती मिश्रा ने कहा यहां कौन जो कि सम्भल कर जिया, जिसको देखो वही रंग बदल कर जिया, सबको मालूम है। ओज कवि दिलीप कश्यप ने अमर वीर बलिदानी हंसकर सूली चढ़ जाते हैं, रंच नहीं मरने जीने से किंचित घबराते हैं। जिसमें आजादी का शुभ सैलाब दिखाई देता है। भारत माता का सचमुच ही वीर वही बेटा है। सरदार भगत सिंह को समर्पित देश भक्ति की कविता पढ़ी। कार्यक्रम संयोजक हास्य कवि राम मोहन शुक्ल ने कहा हम अपनी प्रेमिका के साथ खा रहे थे समोसा, इतने में आ धमके वहां उसके मौसी और मौसा रचना पढ़ी। उपकर मणि उपकार ने तस्करों के हाथ में जब से उजाले हो गए, रोशनी वालों के भी किरदार काले हो गए शेर पढ़ा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे वैभव सोमवंशी ने राम हमारी सुबह हमारी शाम है, राम रात दिन राम ही आठों याम है। रमें हुए जो रक्त धमनियों में मेरी, मेरे राघव तुमको कोटि प्रणाम है मुक्तक पढ़ा। अनुराग दीक्षित, अमित त्रिवेदी ने कविताएं पढ़ी। इस अवसर पर भइयन मिश्रा, अरविंद शुक्ला, रितेश दीक्षित, आनंद मिश्रा, जितेंद्र मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, सुआलाल मिश्रा, जितेंद्र सिंह, कुशल पाल सिंह, वरुण पाण्डेय, आशीष शुक्ला, सर्वेश दीक्षित, आनंद मिश्रा, प्रेम प्रकाश मिश्रा, सुनील तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

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