आयुर्वेद में रस औषधियों का विशेष महत्व है-डॉ0 मंदीप जायसवाल

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेजर एस0डी0 सिंह पी0जी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज मे हो रहे नव प्रवेशित 2024 बैच के ट्रांजिशनल एवं पी0जी0 ओरिएन्टेशन कार्यक्रम के १४वें दिन डॉ0 समर्पिता ने गुड मैन्युफैकचरिंग प्रैक्टिस के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया कि यदि औषधि का निर्माण सही तरीके से हो तो वो रोग दूर करने में समर्थ होती है। उन्होनें जी0एम0पी0 के बारे में बताते हुए कहा कि छात्रों को औषधि निर्माण के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहिये। आगे जाकर उनको भविष्य में इसको व्यवसाय के रूप में भी अपना सकते है। डॉ0 रूमा डे ने पी0जी0 छात्र-छात्राओं को टाइन मैनेजमेट पर ज्ञानवर्धन करते हुए कहा कि हमें समय की कद्र करनी चाहिये, क्योंकि यदि हम समय की कीमत नहीं समझेंगे तो भविष्य में हमारी कीमत भी कम हो सकती है। हमें सभी कार्य उचित समय पर करना चाहिये। लंच के बाद बी0ए0एम0एस0 एवं पी0जी0 छात्र/छात्राओं को व्यक्तिगत विकास विषय पर पी0पी0टी0 के माध्यम से मिस्टर गौरव सारस्वत ने ज्ञान वर्धन किया। उन्होनें कहा कि आदतें की हमारा भविष्य निर्माण करती हैं। हमें अपनी अच्छी आदतों और बुरी आदतों का पहचानना चाहिये और अच्छी आदतों का जीवन में अपनाना तथा बुरी आदतों को दूर करने का प्रयास करना चाहिये। डॉ0 शिल्पा ने छात्र/छात्राओं को आयुर्वेद के सिद्धान्त के बारे में ज्ञानवर्धन किया। डॉ0 मंदीप जायसवाल जो कि बरेली आयुर्वेदिक कॉलेज में रस शास्त्र विभाग में कार्यरत है उन्होनें छात्र/छात्राओं को रस औषधियों की गुणवत्ता बताते हुए कहा कि आयुर्वेद में रस औषधियों का विशेष महत्त है। उनको बहुत कम मात्रा में प्रयोग करने पर भी वो शरीर में रोग को दूर कर देती है। डॉ0 जायसवाल का सम्मान कॉलेज की प्राचार्या डॉ0 अंजना दीक्षित ने स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर किया। गौरव सारस्वत का सम्मान कॉलेज की प्राचार्या डॉ0 अंजना दीक्षित ने स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर किया। कार्यक्रम में डॉ0 शीलू गुप्ता, डॉ0 विजय मोहन गुप्ता, डॉ0 शिव ओम दीक्षित, डॉ0 संकल्प सिंह, डॉ0 मधु रंजन, डॉ0 मुकेश कुमार विश्वकर्मा, डॉ0 अरूण कुमार पाण्डेय, डॉ0 समर्पिता आदि उपस्थित रहे। डॉ0 अरूण कुमार पाण्डेय ने मिस्टर गौरव सारस्वत को धन्यवाद दिया।

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