कवि सम्मेलन के साथ धार्मिक अनुष्ठान का हुआ विराम

उठो साथियों निज धर्म बिक न जाये: ओमपाल सिंह निडर
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गंगा नगर में चल रहे 19वें धार्मिक अनुष्ठान के विश्राम दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन महेश पाल सिंह उपकारी के संयोजन में हुआ। फिरोजाबाद से आये प्रो0 डा0 ओमपाल सिंह निडर, औरैया से आये गोपाल पाण्डेय आजाद का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। अध्यक्षता बृजकिशोर से किशोर ने की। संचालन वैभव सोमवंशी ने किया। मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी सुभाष चन्द्र प्रजापति ने कहा कि आज के समय में धार्मिक परम्परा व कथा अपने आप में एक विशिष्ठ मिशाल है। विशिष्ठ तहसीलदार श्रद्धा पाण्डेय ने कहा कि ऐसी पावन भूमि पाण्डाल में आने से अपने आप में अध्यात्मिक चेतना जाग्रत हो उठती है। सभी कवियों व कवियत्रियों ने काव्य पाठ किया। समिति के सदस्यों ने कवियों को शॉल ओड़ाकर व शील्ड व रामदरबार देकर सम्मानित किया। समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी, ऋषिपाल सिंह, अवधेश पाण्डेय, शिवकुमार मिश्रा, सीताराम पाण्डेय, मनोज अग्निहोत्री, अमित बाजपेयी, अनमोल मिश्रा, बिहारी अग्निहोत्री, विभोर सोमवंशी, मैकूलाल आदि लोग मौजूद रहे। महेश पाल सिंह उपकारी ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि एक बार कहने से नाम का प्रतीक बनता, दो बार कहने से होता प्रणाम। वैभव सोमवंशी ने कहा कि खत्म भ्रष्टाचार सत इमान बढऩा चाहिए। हम रहें न रहे हिन्दुस्तान रहना चाहिए। उपकार मणि ने कहा कि तस्करों के हाथ में जब से उजाले हो गये, रोशनी वालों के भी किरदार काले हो गये। कृष्णकांत अक्षर ने कहा कि योग योग में मिला मैं उनका उसी क्षण जागे। बृजकिशोर से किशोर ने कहा कि जब बटे गम गुनगुनाकर देखिए। ओमपाल सिंह निडर ने कहा कि उठो साथियों निज धर्म मिट न जाये, बहनों जागों निज शर्म बिक न जाये। गोपाल पाण्डेय ने कहा कि सनातन के अनुयायियों का हो रहा होम क्यों है। सत्यपाल सिंह ने कहा कि तपतेज की वह अरुणिम संध्या कहां गयी। डा0 गरिमा पाण्डेय ने कहा कि कुछ तो हमने भी किया होगा अच्छा काम। प्रीती तिवारी ने कहा कि मेरी हर सांस में तूं है आदि कवियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वरदास ब्रह्मचारी ने अध्यात्म पर विचार व्यक्त किये।

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