हत्या में चचेरे भाइयों ने काटी जेल, वह 17 साल बाद मिला जिंदा

बिहार के रोहतास से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जिस शख्स की हत्या में चचेरे भाइयों ने जेल काटी, वह शख्स 17 साल बाद जिंदा मिला। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान है और इलाके में चर्चाओं का दौर जारी है। 

बिहार का एक ऐसा व्यक्ति अपने घर वापस लौटा, जिसकी हत्या के आरोप में उसके चचेरे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें हत्या के आरोप में जेल काटनी पड़ी थी. ये शख्स 17 साल पहले लापता हो गया था, जो अब पुलिस को संदिग्ध हालत में मिला, जब उसने अपने बारे में जानकारी दी तो सब हैरान रह गए. क्योंकि उसकी मौत की पहले ही पुष्टि की जा चुकी है. ये मामला उत्तर प्रदेश के झांसी से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में साल 2008 में उसके चचेरे भाईयों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब बरुआसागर थाना क्षेत्र के धमना चौकी प्रभारी नवाब चौधरी गश्त पर निकले थे. इस दौरान उन्हें एक शख्स मिला, जिसकी हालत खराब थी. पुलिस ने उससे उसके घर का पता पूछा और उसके बारे में जानकारी ली.

17 साल पहले मृत घोषित

शख्स ने अपना नाम नथुनी पाल बताया और अपना पता उसने बिहार का बताया, जब बिहार के थाने से संपर्क किया गया. वहां से पता चला कि नथुनी पाल को 17 साल पहले मृत घोषित कर दिया गया था. हत्या के आरोप में नथुनी के मामा ने नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. फिर जमानत पर उन्हें रिहा किया गया था. जब नथुनी के घर वालों को झांसी बुलाया गया तो उसे देखकर उसके परिवार वाले रोने लगे.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 17 सितंबर 2008 को नथुनी अचानक लापता हो गया था। तब मामा बाबूलाल पाल ने आरोप लगाया था कि चाचा और उनके बेटों ने उसका अपहरण कर हत्या कर दी। इस मामले में विमलेश, भगवान, और सतेंद्र को सात-आठ महीने जेल में रहना पड़ा। अब रोहतास पुलिस के अनुसार, नथुनी यूपी के झांसी स्थित बरुआसागर थाने के अंतर्गत गांव धवारा में मिला। अकोढ़ी गोला थाना अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि नथुनी को लाने के लिए टीम भेजी गई है। ये घटना अकोढ़ी गोला थाना क्षेत्र के देवरिया गांव की है।

नथुनी के मामा की शिकायत के बाद बढ़ीं चाचा के परिवार की मुश्किलें

रोहतास जिले के अकोढ़ी गोला थाना क्षेत्र के देवरिया गांव निवासी 50 वर्षीय नथुनी पाल झांसी के गांव धवारा में एक किसान के घर पिछले छह महीनों से रह रहा था। वह किसान धर्मदास अहिरवार के साथ काम कर रहा था। सोमवार को बरुआसागर थाने के धमना चौकी प्रभारी नवाब सिंह ने गश्त के दौरान उसे संदिग्ध स्थिति में देखा। पूछताछ में नथुनी ने अपने गांव का पता बताया, जिसके बाद चौकी प्रभारी ने बिहार के अकोढ़ी गोला थाने से संपर्क किया। बिहार पुलिस ने बताया कि नथुनी पाल 17 सितंबर 2008 से लापता था और उसकी हत्या का मामला दर्ज किया गया था। नथुनी पाल के लापता होने के बाद उसके मामा बाबूलाल पाल ने चाचा रती पाल और उनके चार बेटों विमलेश पाल, भगवान पाल, सत्येंद्र पाल और जितेंद्र पाल पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार किया, और उन्हें 7-8 महीने जेल में रहना पड़ा। इस घटना के बाद चचेरे भाइयों का पूरा परिवार कानूनी पचड़ों में उलझ गया। इस दौरान रती पाल की मौत भी हो गई। नथुनी पाल के जिंदा मिलने की खबर सुनकर हत्या के आरोपित उसके चचेरे भाई झांसी पहुंचे। नथुनी को देखकर वे भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा, ‘हमने जेल की सजा भुगती और हमारे पिता ने इस घटना की तकलीफ में जान गंवा दी। जिसे हमने पाला, वह आज जिंदा मिला।’ बरुआसागर थाना प्रभारी शिवजीत सिंह राजावत ने बताया कि नथुनी पाल को झांसी में बरामद कर लिया गया है। बिहार से आई पुलिस टीम अब उसे वापस लाने की तैयारी कर रही है। अकोढ़ी गोला थाना अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। नथुनी पाल के पिता रामचंद्र पाल की मृत्यु के बाद उसकी देखभाल चाचा रती पाल ने की थी। चाचा के परिवार के साथ उसका अच्छा रिश्ता था, लेकिन 2008 में उसके लापता होने के बाद रिश्तों में खटास आ गई। मामा द्वारा लगाए गए आरोपों ने परिवार को झकझोर कर रख दिया।

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