फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। संस्कार भारती शाखा कानपुर प्रांत के कलाकारों ने महाकुंभ प्रयागराज में संस्कार भारती के मंच से समरसता विषय पर नाटक मंत्र की संजीव प्रस्तुति देकर भावविभोर किया।
उपन्यासकार, कहानीकार मुंशी प्रेमचंद ने निर्दयी डॉक्टर चड्ढा के जीवन में भगत एवं पत्नी उनके सामाजिक जीवन की कहानी द्वारा छोटे बड़े लोगों के मध्य समरसता का संदेश मंत्र नाटक देता है, जिसमें सामाजिक जीवन भगत के सजीव जीवन का चित्र किया गया। अंधविश्वास को मिटाने का भाव एवं समरसता का भाव प्रदर्शित किया गया। महाकुंभ प्रयागराज में संस्कार भारती के मंच पर फर्रुखाबाद शाखा द्वारा मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी मंत्र का नाट्य रूपांतरण प्रदर्शित किया गया। सूत्रधार अरविंद दीक्षित द्वारा नाटक मंत्र की भूमिका प्रस्तुत की गई। भगत अपने बीमार बच्चे को लेकर डॉक्टर चड्ढा के पास जाता है और डॉक्टर साहब खेलने जा रहे होते हैं इस कारण से वह बच्चे को नहीं देखते हैं। भगत अपनी पगड़ी उतार कर डॉक्टर साहब के पैरों पर रखने के बावजूद डॉक्टर बगैर निगाह डालें कल सवेरे आओ कह कर चले जाते हैं। भगत रोते-रोते घर वापस आता है और घर पहुंचते ही उसका हंसता खेलता बालक अपनी जीवन लीला समाप्त कर भगवान के पास चला जाता है। पति-पत्नी बहुत रोते हैं इसके बाद डॉक्टर के बेटे की जन्मदिन की पार्टी को प्रदर्शित किया गया। सभी ने इस नाटक की भूरि भूरि प्रशंसा की। पूरा पंडाल नाटक के अंत पर तालिया से गुंजायमान हो गया। डॉक्टर चड्ढा का अभिनय प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पांडे ने किया। भगत का अभिनय नवीन मिश्रा नब्बू ने किया। नारायणी का फाल्गुनी ने, भगत की पत्नी का सिमरन ने, डॉक्टर के मित्र में आदेश अवस्थी और नरेंद्र नाथ मिश्रा ने, कैलाश के मित्र में उज्जवल पांडे अनुभव सारस्वत ने चौकीदार का अभिनय अरविंद दीक्षित ने किया। हर्षित मिश्रा, श्याम श्रीवास्तव, रविंद्र भदोरिया, समरेंद्र शुक्ला ने नाटक में सहयोग किया। अभिजीत गोखले, अरुण कुमार शर्मा, देवेंद्र त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे।
संस्कार भारती के कलाकारों ने महाकुम्भ प्रयागराज में किया नाटक का मंचन
