पाकिस्तान में ट्रेन पर हमले के मामले में अगले 48 घंटे बेहद नाजुक हैं। बीएलए ने राजनीतिक बंदियों की बंधकों के साथ अदला-बदली के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। 200 से अधिक यात्री बंधक बनाए गए हैं, जबकि अब तक 30 सैनिकों की हत्या हो चुकी है। बीएलए ने साफ किया है कि सेना करीब आई तो सबको मार देंगे। दूसरी तरफ पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि आखिरी आतंकी की मौत तक सुरक्षाबलों का अभियान जारी रहेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने बीएलए की ओर से बंधक बनाए गए 104 लोगों को बचा लिया है. बचाए गए लोगों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं. साथ ही सुरक्षाकर्मी शेष यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. सेना की अब तक की कार्रवाई में बीएलए के 23 लड़ाकों को मार गिराया गया, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा बलों के एक्शन के कारण आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में बंट गए हैं. वहीं, घायल यात्रियों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अतिरिक्त सुरक्षाबव इलाके में भेजा गया है, जिसे मोर्च पर लगाया गया है.
ट्रेन में कौन-कौन कर रहा था सफर
दरअसल, बीते दिन पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस पेशावर के लिए रवाना हुई और बोलन पहुंचते ही BLA के लड़ाकों ने ट्रेन पर हमला कर दिया. बोलन के पास ट्रेन को लड़ाकों ने हाइजैक कर लिया. ट्रेन में 450 से ज्यादा यात्री सवार थे. इसमें पाकिस्तान सेना के 140 जवानों को बंधक बना लिया गया. पाकिस्तान ने एयर स्ट्राइक करने की तैयारी की, लेकिन बलोच लड़ाकों ने धमकी दी थी कि अगर हवाई हमला हुआ तो सभी 140 सैनिकों को मार दिया जाएगा. ये हमला पाकिस्तान सेना पर बलोच अलगाववादियों के अबतक के सबसे बड़े हमलों में से एक है.
रेलवे ट्रैक उड़ाकर जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को रोका गया. इसके बाद ट्रेन को सुरंग में ले जाया गया. ट्रेन में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, आतंकवाद निरोधक बल (एटीएफ) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एक्टिव-ड्यूटी कर्मचारी सवार थे. ये सभी छुट्टी पर पंजाब जा रहे थे. बलोच लड़ाकों ने इन्हें टारगेट बनाकर हमला किया. BLA की फिदायीन यूनिट, मजीद ब्रिगेड ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. बलोच लड़ाके अलग बलूचिस्तान देश की जंग बरसों से लड़ रहे हैं और इस हमले के लिए पहले से प्लानिंग की जा रही थी.
मांगें न माने जाने पर बंधकों को मारने की धमकी
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का इस ट्रेन को हाईजैक करने का मकसद क्या था, ये भी थोड़ी ही देर में साफ हो गया. इन अलगाववादियों ने सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब हुए लोगों को बिना शर्त रिहा करने की मांग पाकिस्तान सरकार के सामने रखी है. सभी की रिहाई के लिए उन्होंने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया. इसके साथ ही बीएलए ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बंधकों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को भी उड़ा दिया जाएगा.
बलूचिस्तान हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा
बता दें कि बलूचिस्तान में पिछले एक साल में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है. नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 62 अन्य घायल हुए थे. तेल और खनिज संपन्न बलूचिस्तान, पाकिस्तान का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा है. बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षा कर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं.