फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। ब्राह्मण समाज सेवा समिति की बैठक में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी पर आक्रोश जताया गया और कहा गया कि स्वामी प्रसाद का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।
पूर्व प्रधानाचार्य राममुरारी शुक्ला ने कहा कि संतो के प्रताप से भारत विश्व गुरु बना और पुन: विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने मौर्या की टिप्पणी को निंदनीय बताया व अज्ञान का प्रतीक करार दिया। सेवा समिति के महामंत्री रमेश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि संत और असंत दोनों ही दुख देने वाले होते है। जब संतजन दूर चले जाते है तो दुख होता और असंतजन पास आ जाये तब दुख होता है। स्वामी प्रसाद उन्हीं असंत पुरुषों में से है जिन्होंने हमेशा ही जहां गये उसे दुख ही दिया है। रामचरित मानस पर टिप्पणी करके उन्होंने सूरज पर कीचड़ उछालने का काम किया है। जिससे वह स्वयम ही सन जायेंगे। उन्होंने कहा कि मानस पर अभद्र टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद को सारे समाज से माफी मांगनी चाहिए। उनका सामाजिक बहिष्कार होना जरुरी है। इस मौके पर डा0 रामबाबू पाठक, बृजकिशोर सिंह किशोर, रामवीर शुक्ला, लक्ष्मण सिंह, ज्योतिस्वरुप अग्निहोत्री, अतुल शंकर दुबे ने विचार व्यक्त किये। अध्यक्षता अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने की। इस मौके पर कहा गया कि रामचरित मानस हमारे आचरण का ग्रन्थ है। उसमें बिना किसी भेदभाव के सभी के उत्थान की बात कही गयी है। देश विदेशों में तुलसीदास के मानस को मान्यता दी गयी है। क्षणिक और राजनैतिक लाभ के लिए कुछ लोग मानस का अपमान करके अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकना चाहते है। समाज स भी कुछ समझता है। ऐसे लोग कभी सफल नहीं होंगे।