ओम प्रकाश मिश्र कंचन की स्मृति में बही काव्य की धारा.

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था वीणा साहित्य परिषद के तत्वधान में कला साहित्य एवं संगीत की त्रिवेणी आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन की स्मृति में भव्य काव्य समारोह का आयोजन कर उनकी स्मृतियों को याद किया गया। इस दौरान कन्नौज के वरिष्ठ साहित्यकार कवि उमा शंकर वर्मा साहिल का अभिनंदन किया गया। शुक्रवार को शहर के महादेव प्रसाद स्ट्रीट में बाबा हुक्कमेश्वर नाथ शिव मंदिर स्थित नटराज भवन में आयोजित काव्य समारोह की मुख्य अतिथि डॉक्टर रजनी सरीन, राष्ट्रीय कवि डॉक्टर शिवओम अम्बर, विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र पाण्डेय, डॉक्टर संतोष पाण्डेय, महामंत्री दिलीप कश्यप, वरिष्ठ कवि राम शंकर अवस्थी अबोध, राम अवतार शर्मा इंदु ने आचार्य कंचन व देवी सरस्वती जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व माल्यार्पण कर शुभारंभ किया। डॉक्टर रजनी सरीन ने प्रवास के समय आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन द्वारा उन्हें भेजे गए एक पत्र को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि आचार्य कंचन हमेशा साधनहीन कलाकारों की मदद करते रहते थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय कवि डॉक्टर शिव ओम अम्बर ने कहा आचार्य कंचन कलाकारों के वटवृक्ष थे। उन्होंने फूलों से रिश्तेदारी है कांटों से भी यारी है पंक्तियां पीढ़ी। कन्नौज से आए उमाशंकर वर्मा साहिल ने कहा शब्द शिल्पी हम शनासाई सितारों से रही दोस्ती हमेशा गम के मारो से रही, भोगांव मैनपुरी से आए वरिष्ठ कवि श्रीचंद्र वर्मा एडवोकेट ने कई कर कलम कुदाल हल हाथ लिए, कोई हरी हर के भजन में मगन है छंद पढ़ा। संचालन कर रहे डॉक्टर संतोष पाण्डेय ने कहा कंचन जी कंचन जी होंगे जमाने के लिए, हमने तो कंचन को पारस ही पाया है। संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि साहित्य कला एवं संगीत की त्रिवेणी श्रद्धेय कंचन हम सभी के ह्रदय में आज भी जीवित हैं। प्रभात अवस्थी ने कहा कंचन जैसे कला साधक से आज के युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कन्नौज फर्रुखाबाद की यात्रा का वर्णन किया। कार्यक्रम में 78 वर्ष पूरे होने पर कन्नौज से आए वरिष्ठ कवि उमाशंकर वर्मा साहिल का संस्कार भारती, वीणा साहित्य परिषद, अभिव्यंजना राष्ट्रीय कवि संगम, हिन्दी साहित्य भारती, दीप संस्था ने अभिनंदन कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में डॉक्टर गरिमा पाण्डेय, भारती मिश्रा, प्रीति तिवारी, गीता भारद्वाज, राम अवतार शर्मा इंदु, राम शंकर अवस्थी अबोध, भारती मिश्रा, प्रीति तिवारी, महेश पाल सिंह उपकारी, राममोहन शुक्ल, उपकार मणि, निमिष टंडन, किशन साध सहित दो दर्जन कवियों ने कविता पाठ किया।

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