अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। थाने में संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर क्षेत्राधिकारी रविंद्र नाथ राय व तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाहा ने लोगों की समस्याओं को विधिवत सुना। जो भी शिकायतें आईं उन सभी का संबंधित अधिकारियों द्वारा निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए। पूरे समाधान दिवस के समय अमृतपुर तहसील से सटे बली बट्टी रानीगांव का मामला चर्चा का विषय बना रहा। दरअसल वाली पट्टी रानी गांव में भूमि के विवाद को लेकर काफी लंबे समय से दोनों पक्षों की तरफ से संबंधित अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए जाते रहे।
मामला शुरू हुआ था गांव के ही विद्या राम ने अपने घर के पास की जमीन पर जो कि उनके बुजुर्गों के जमाने से उनके कब्जे में थी उस जमीन पर कंडों का ढेर एकत्रित कर रखा था जिससे कि उनके पड़ोसी खुशीराम संबंधित अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर उस जमीन को खाली कराने के लिए कहा। इसी बीच विद्याराम ने गांव के प्रधान पति ब्रह्म दत्त शुक्ला के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो आए दिन मुझे गालियां देते हैं एवं गांव छोडऩे की धमकी देते हैं इसीलिए मैंने अपने मकान पर घर बिकाऊ होने का पोस्टर लगा दिया है। मैं अपना घर बेचकर कहीं और रहने चला जाऊंगा। आज संपूर्ण समाधान दिवस में तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाहा ने जब राजस्व टीम से उस जमीन के बारे में जानकारी की तो पता लगा वह सारी जमीन तहसील मुख्यालय से लेकर सोतानाला तक रास्ते के नाम से में दर्ज है।
तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक व चकबंदी लेखपाल को अत्यंत शीघ्र नाप कर रास्ते में जो भी निर्माण कार्य है उन सभी को नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। यदि कोई भी व्यक्ति नोटिस का अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी एवं प्रशासन के द्वारा उस अतिक्रमण को तत्काल हटा दिया जाएगा। क्षेत्राधिकारी अमृतपुर रवींद्रनाथ राय द्वारा प्रभारी निरीक्षक अमृतपुर संत प्रकाश पटेल को निर्देश दिया गया जो भी लोग रास्ते की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं उन सभी के खिलाफ धारा 107/१16 की कार्यवाही करें एवं सभी को शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पांच-पांच लाख रूपए से पाबंद करें। जिससे कि भविष्य में कोई बड़ी घटना घटित न हो।
वहीं प्रधान ब्रह्मदत्त शुक्ला ने बताया कि मैंने कभी किसी को गाली नहीं दी और ना ही किसी को कोई धमकी दी। मेरे ऊपर एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं। पूरा मामला बली पट्टी रानी गांव की ग्राम समाज की जमीन का है जो कि मैं प्रधान होने के नाते इसका संरक्षण करना मेरा प्रमुख दायित्व है, जबकि कुछ लोग इस जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं। जिनको मैं रोक रहा हूॅ। वहीं लोग मेरा विरोध कर रहे हैं और मेरे ऊपर एक षडयंत्र के तहत झूठे आरोप लगा रहे हैं।