रेलवे डिप्टी व तीन सिपाहियों सहित छह पर याचिका दायर

युवक को पीटने व रुपये लूटने का मामला

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। रुपये न देने पर युवक को मारपीट कर घायल कर देने व रुपये लूट लेने के मामले में रेलवे के डिप्टी सीटीआई टीसी व तीन सिपाहियों सहित छह के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर की गई। रेलवे सीटीआई टीसी कार्यालय में तैनात तिलक सिंह निवासी जीआरपी चौकी फतेहगढ़, आरक्षी राजीव कुमार पुत्र रामनरेश निवासी भोगाताल थाना जसवंतनगर जिला इटावा जीआरपी चौकी फतेहगढ़, हेड कांस्टेबिल नीरज कुमार पुत्र शिवनारायण निवासी मेहर अलीपुर सजेती जिला कानपुर, अनुज यादव पुत्र हरीराम निवासी नगला सबल नयागांव जिला एटा हाल निवासी रेलवे कॉलोनी फतेहगढ,़ हिमांशु गुप्ता पुत्र राकेश चंद्र निवासी नगला दीना भोलेपुर कोतवाली फतेहगढ़, प्रमोद कुमार पुत्र हरिओम निवासी जैराम थाना कासगंज के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर की। पीडि़त प्रभात सिंह पुत्र रामनारायण निवासी आजाद नगर सौरिख जनपद कन्नौज ने दायर की याचिका में दर्शाया कि मेरा पुत्र अंकित दिल्ली में परीक्षा देने गया था। 17 अप्रैल 2023 को कालिंद्री एक्सप्रेस से वापस घर आ रहा था। मेरी पत्नी पुत्र को लेने के लिए फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन पर मेरे साथ गई। मैं और मेरी पत्नी कालिंद्री एक्सप्रेस ट्रेन का आने का इंतजार में खड़े थे। मेरा पुत्र अंकित प्लेटफार्म से गेट पर आया वहां पर डिप्टी सीटीआई तिलक सिंह ने अंकित से टिकट मांगा। जिस पर मेरे पुत्र ने मोबाइल निकाला जिसमें टिकट रखा था। जिसे दिखाने का प्रयास किया। इस पर तिलक सिंह ने मोबाइल छीन लिया और गाली देने लगे और कहा कि तू मेरा वीडियो बना रहा है और गलत तरीके से रुपए की मांग की। कहां की रुपए नहीं दोगे तो छोडूंगा नहीं। पुत्र ने कहा कि जब मेरे पास टिकट है तो रुपए किस बात की।मांग रहे हो। इतने में कांस्टेबिल संजीव कुमार, कांस्टेबिल नीरज कुमार डंडा लेकर आये और कहा कि क्या बात है। अनुज, प्रमोद उर्फ छोटू, हिमांशु गुप्ता, नरेश चंद गुप्ता भी गेट पर आ गए और मेरे पुत्र को लाठी-डंडों से मारने पीटने लगे। कहा कि रुपए क्यों नहीं दे रहा है। इसे बंद कर दो। जब मैंने तिलक सिंह से कहा कि मोबाइल दे दो उसमें टिकट है। इस पर तिलक सिंह कहने लगा कि मोबाइल नहीं देंगे, पहले रुपए दो और गालियां बकने लगे और फतेहगढ़ चौकी ले गए। जहां तिलक सिंह के कहने पर संजीव, नीरज ने मेरे पुत्र को डंडे से मारापीटा। जिससे आंख व पैर में काफी चोट आई और जबरन जेब से 2 हजार रुपये निकाल लिए और झूठा मुकदमा लगाकर उसे बंद कर दिया। मेरा व मेरी पत्नी का मोबाइल छीन लिया तथा पर्स में रखे रुपए लूट लिए और झूठा मुकदमा लगाकर उसे बंद कर दिया। जमानत कराने के बाद पुत्र को मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पैर की हड्डी टूटी बताई गई। हालत गंभीर होने पर लोहिया रेफर कर दिया गया। लोहिया अस्पताल से कानपुर रीजेंसी रेफर कर दिया। वहां पर भी पैर की हड्डी टूटी पाई गई। इस संदर्भ में जीआरपी थाने व जीआरपी पुलिस अधीक्षक आगरा को भी शिकायती पत्र दिया पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

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