पुलिस पर जानलेवा करने वाले एक को सात वर्ष का कारावास

वर्ष २०१६ में पेशी के दौरान मिर्चा झोंककर भागे थे आरोपी

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के मामले में एक आरोपी को साक्ष्य व जुर्म इकबाल करने पर अपर सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र ने सात वर्ष के कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया। थाना राजेपुर के तत्कालीन उपनिरीक्षक देवी प्रसाद गौतम 2 अक्टूबर वर्ष 2016 को अपने हमराह हेड कांस्टेबिल गोकुल सिंह, कांस्टेबिल विक्रांत बालियान सरकारी जीप से चालक नरेंद्र सिंह के साथ अपराधी की धरपकड़ के तहत अभियान चला रहे थे। थाना राजेपुर अमृतपुर जाने वाले कुतुलूपुर मोड़ के पास खड़े थे, तभी स्वाट टीम प्रभारी उपनिरीक्षक महेंद्र कुमार त्रिपाठी, सिपाही मनोज कुमार, हिम्मत सिंह, अनिल कुमार, रामगोपाल, रामनरेश, विमलेश, सुनील कुमार, अमित कुमार, धर्मेंद्र कुमार आए। इस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि थाना अनूप शहर जिला बुलंदशहर से 23 सितंबर 2016 को कारागार से न्यायालय में पेशी में आए बंदी जो पुलिस की आंखों में मिर्ची झोंककर भाग गये थे। उनमें से तीन बंदी कहीं रुककर भागने की फिराक में कुतलूपुर मार्ग पर बने मोहम्मद हनीफ के खंडहर फॉर्म के सामने बैठे है। मौके पर घेराबंदी की इस दौरान अपने आप को घिरा देख तीनों ने कहां पुलिस वाले है। एक ने जान से मारने की नियत से नाजायज तमंचे से फायर कर दिया। जिससे हम सभी लोग बाल-बाल बच गए। घेराबंदी कर तीनों व्यक्तियों को पकड़ लिया। नाम पता पूछे जाने पर एक अपना नाम टीटू उर्फ किरण पाल पुत्र रेशम पाल निवासी वेदरामपुर थाना पहासू जिला बुलंदशहर बताया। तलाशी के दौरान 315 बोर तमंचा बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम रूपेंद्र पुत्र मंगल सिंह निवासी भूप नगर नई बस्ती थाना पहासू जनपद बुलंदशहर बताया। उसके पास अभी 315 बोर तमंचा व दो जिंदा कारतूस बरामद हुए। तीसरे अपना नाम अजय चौहान पुत्र शेर सिंह निवासी ग्राम रिसालू थाना छतारी जिला बुलंदशहर बताया। उसके पास भी 315 बोर तमंचा दो जिंदा कारतूस बरामद हुए। सभी के विरुद्ध पुलिस पार्टी पर जानलेवा करने के मामले में धारा 307 आईपीसी व धारा ३/25/27 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। विवेचना के दौरान साक्ष्य गवाह के बयान के आधार पर अभियुक्त रूपेंद्र व उसके साथी टीटू उर्फ किशनपाल, अजय चौहान के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। इस दौरान अभियुक्त रूपेंद्र की ओर से जुर्म इकबाल करने के संबंध में 24 मई 2023 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता दीपिका कटियार, तेज सिंह, अनिल कुमार बाजपेई की कुशल पैरवी के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य ने अभियुक्त रूपेंद्र उर्फ पैना को धारा 307 में 7 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर 3 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास भुगता होगा। वही धारा ३/25/27 में 2 वर्ष सश्रम कारावास व 2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जेल में बिताई गई अवधि को उपरोक्त सजा में समायोजित की जाएगी।

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