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‘सॉरी मम्मी, पापा…’ लिखकर JEE मेन्स की छात्रा ने की आत्महत्या, वजह कर देगी हैरान

सॉरी मम्मी-पापा! मुझसे कुछ नहीं हो पाया, न तो अब हो पाएगा। आप लोग अच्छे हैं, हमेशा सपोर्ट किए, मुझसे हमेशा प्यार किया, लेकिन मेरा समय अब खत्म हो चुका है। ऐसा समझिए कि माता रानी ने बस 18 साल के लिए ही मुझे भेजा था। इतने साल मेरे लिए स्वर्ग था, मुझे आप लोगों के रूप में भगवान जो मिल गए थे।

गोरखपुर में जेईई का रिजल्ट आने के बाद एक बुरी खबर आई है. इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही छात्रा ने असफल होने पर प्राइवेट हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटककर आत्‍महत्‍या कर ली. छात्रा के शव के पास से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया है. सुसाइड नोट में जेईई के परिणाम में असफल होने पर आत्‍महत्‍या करने की बात लिखी गई है. उसने सुसाइड नोट में माता-पिता को भावुक संदेश लिखा है.कैण्‍ट थानाक्षेत्र के बेतियाहाता के एक कोचिंग सेंटर में पढ़कर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही छात्रा अदिति मिश्रा ने बुधवार 12 फरवरी को दोपहर में सुसाइड कर लिया. अदिति मूलरूप से संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल के मिश्रौलिया गांव की रहने वाली थी. वो एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी की भतीजी थी. मंगलवार 11 फरवरी को जेईई के परीक्षा परिणाम में असफल होने के बाद से वो अवसाद में थी. उसने बुधवार को सुबह अपने माता-पिता से बातचीत की. इस दौरान उसने पिता से मोबाइल रिचार्ज करने के लिए भी कहा था.

पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा

गोरखपुर में कैण्ट थानाक्षेत्र के बेतियाहाता स्थित मोमेंटम कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाली 18 वर्षीय छात्रा अदिति मिश्रा सत्यदीप गर्ल्स हॉस्टल में 2 साल से रहती थी. उसकी रूममेट कहीं बाहर गई हुई थी. जब वह वापस आई, तो उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. उसने अंदर झांक कर देखा, तो वह दुपट्टे से लटकी हुई थी. इसकी सूचना उसने हॉस्टल के वार्डन को दिया. वार्डन ने फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

सुसाइड नोट में लिखा, पढ़कर घरवालों के साथ ही हर कोई रोया

अदिति मिश्रा ने एक पन्ने के सुसाइड नोट में लिखा है। इसे पढ़कर घरवालों के साथ ही हर कोई रोया। अदिति ने सुसाइड नोट में माता-पिता को संबोधित करते हुए लिखा है-आप लोग इतने अच्छे हैं, मैं आप लोगों को डिजर्व नहीं करती। आपकी एक भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरी हूं। हमेशा आपके विश्वास को तोड़ा है। लेकिन अब आप लोग कृपया रोइएगा मत, यह मेरी आपसे लास्ट विश है, आप लोग हमेशा खुश रहिएगा।

किसी एक के जाने से जिंदगी रुकती नहीं है…

आपके पास मेरी छोटी बहन तृप्ति है, वो आप लोगों के सारे सपने पूरे करेगी। मेरा सफर यहीं तक था, लेकिन आप लोगों को अभी बहुत कुछ देखना बाकी है। तृप्ति को सफल बनाना है। मैं बहुत प्यार करती हूं, वादा कीजिए कि आप हमेशा खुश रहेंगे। किसी एक के जाने से जिंदगी रुकती नहीं है।  पापा आपसे, मां तुमसे, तृप्ति, अम्मा, बुआ, भैया, मातीरिया वाली चाची, छोटे बाबा, राजू चाचा, महिमा चाची, काव्या, अनमोल, उज्जवल, गुड़िया चाची, दीपू चाचा, उषा चाची, अनिल चाचा, तान्या, रिया, माही, सानू, श्रेया, संयोगिता चाची, दादी, सोनौरा वाले बाबा और अपने गांव व घर से बहुत प्यार करती हूं। बस अपने आप से प्यार नहीं कर पाई… आपकी रिमझिम।

कमरा नंबर 86 में रहती थी अदिति 

बेतियाहाता स्थित गर्ल्स हॉस्टल में अदिति कमरा नंबर 86 में रहती थी। हॉस्टल में कुल 12-13 कमरे हैं। इसमें 25 के करीब छात्राएं तैयारी कर रही हैं। वहां रहने वाली छात्राएं अदिति की मौत पर हतप्रभ थीं। एक दूसरे को पकड़ कर बार-बार रोने लग रही थीं। छात्राओं ने बताया-अदिति लोगों से ज्यादा मतलब नहीं रखती थी। वह हमेशा अपने में ही खोई रहती थी। वहीं उसके साथ कमरे में रहने वाली छात्रा ने बताया कि उससे भी वह कम ही बात करती थी। दो दिन पहले ही अदिति मेंहदावल स्थित घर से वापस आई थी।

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