महाल के बाद हंसपुरी में भी उपद्रव से तनाव, नागपुर पुलिस ने कर्फ्यू लगाए, कैसे जल उठा शहर

नागपुर में भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। नागपुर पुलिस ने शहर में अशांति फैलाने के आरोप में 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।  हंसपुरी इलाके में एक और झड़प के बाद कई घरों और वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। सीएम फडणवीस, नागपुर से सांसद नितिन गडकरी समेत तमाम लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है। 

औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई. इस दौरान किए गए पथराव में तीन पुलिसकर्मियों समेत नौ लोग घायल हो गए. पुलिस ने महल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 20 लोगों को गिरफ्तार किया. इससे पहले, पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि महल के बाद हंसपुरी इलाके में भी उपद्रव की कुछ घटनाएं सामने आईं. यहां भी उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ और पथराव किया. साथ ही वाहनों में आग लगा दी.

नागपुर के पुलिस आयुक्त ने कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया

औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल के आधिकारिक आदेश के मुताबिक प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे। कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में पुलिस स्टेशन की सीमा में लागू रहेंगे। यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा.

कई पुलिसकर्मी घायल

बता दें कि महल में उपद्रव के बाद घेराबंदी अभियान में पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए. अधिकारियों ने बताया कि जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि लोगों के घरों पर भी पत्थर भी फेंके गए.

कैसे शुरू हुई हिंसा?

पुलिस के अनुसार, उपद्रव सोमवार देर शाम उस समय शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया. पुलिस ने बताया कि अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ को जलाया गया है. बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया.

गणेशपेठ थाने में शाम को कथित तौर पर धर्मग्रंथ जलाने के लिए शिकायत भी दर्ज कराई गई. पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके के अलग-अलग हिस्सों में इकट्ठा होने लगे. पुलिस ने संकट की आशंका को देखते हुए गश्त तेज कर दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया.

लोग बोले सुबह से ही था तनाव

हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि सुबह से ही तनाव की स्थिति थी। शाम में पथराव शुरू हो गया। नागपुर के शाही परिवार के सदस्य राजे मुधोजी भोसले ने कहा कि ‘नागपुर में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना फिर न हो। सुबह जो भी हुआ, उसे गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके चलते हिंसा भड़की। कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, घरों पर हमले किए गए। मुझे नहीं लगता कि इसमें स्थानीय लोग शामिल थे। इसमें कुछ बाहरी आसामाजिक तत्व शामिल हो सकते हैं।’

नागपुर में फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। जगह जगह पुलिस बल तैनात है। हिंसा में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और जगह जगह जले हुए और क्षतिग्रस्त वाहन दिख रहे हैं।

 

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