दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर से वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए एक बार फिर से ग्रैप 3 की पाबंदियां लागू की गई हैं. प्रदूषण की वजह से अब स्कूलों को भी 5वीं क्लास तक हाईब्रिड मोड पर संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही दिल्ली में डीजल वाली गाड़ियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. प्रदूषण में अचानक हुई वृद्धि के बाद ग्रैप 3 लागू किया गया है. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में ग्रैप 3 की पाबंदियां लागू की गई हैं. प्रदूषण में तेजी से आई वृद्धि को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. पूरे दिल्ली एनसीआर में 5वीं क्लास तक के बच्चों के लिए स्कूलों को भी हाईब्रिड मोड (ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन) क्लास लगाने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली एनसीआर में सभी प्रकार के कंस्ट्रक्शन के कामों पर रोक लगा दी गई है. वहीं प्राइवेट दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही काम करने की सलाह भी दी गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए देश के उन सभी शहरों पर चिंता जताई है जहां पर लोग प्रदूषण में सांस ले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देश के सभी प्रदूषित शहरों की सुनवाई करेंगे और प्रदूषण के मामले का दायरा बढ़ाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान यह भी कहा कि लोगों तक ऐसा मैसेज नहीं जाना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है इसलिए सिर्फ दिल्ली की सुनवाई हो रही है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से सभी प्रदूषित शहरों के आंकड़े पेश करने को कहा है.
दिसंबर में सुधर रही थी हवा
बता दें कि दोपहर 2.30 बजे शहर का AQI 366 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी के ऊपरी स्तर पर आता है. यह सात दिन पहले की तुलना में तेज उछाल है; 7 दिसंबर को यह 233 था, जिसने इसे ‘मध्यम’ के रूप में रखा गया है. और, उससे तीन दिन पहले दिल्ली का AQI 211 पर था. वायु गुणवत्ता में हुए सुधार की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को CAQM को GRAP-IV से प्रदूषण विरोधी उपायों में ढील देने की इजाजत दी थी. सर्दियों के दौरान, दिल्ली में जीआरएपी के तहत अक्सर प्रतिबंध लागू किए जाते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है – चरण I (खराब) जिसमें AQI 201 और 300 के बीच होता है, चरण II (बहुत खराब) 301 और 400 के बीच, चरण III (गंभीर) 401 और 450 के बीच, और चरण IV (गंभीर प्लस) यदि AQI 450 से ऊपर होता है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बिगड़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चार-चरणीय ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का सबसे सख्त उपाय है.