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नोएडा एयरपोर्ट के रनवे पर पहली बार उतरेगा आज विमान

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए आज का दिन काफी अहम है. आज पहली बार एयरपोर्ट पर फ्लाइट का ट्रायल किया जाएगा. इसी के बाद अगर फ्लाइट की सफल लैंडिंग हो जाती है तो फिर यात्रियों के लिए इस एयरपोर्ट को साल 2025 में अप्रैल के महीने में खोल दिया जाएगा. आज ट्रायल के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी का विमान नोएडा एयरपोर्ट पर लैंड करेगा और फिर वो लगभग डेढ़ से दो घंटे के लिए उड़ान भी भरेगा. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट दोपहर 12 बजे जेवर साइट पर पहुंचेगी और फिर तकनीकी मूल्यांकन (Technical Assessment) किया जाएगा. क्रू मेंबर के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) का विमान नोएडा एयरपोर्ट के रनवे पर पहली लैंडिंग करेगा। इस सफल लैंडिंग के साथ ही एयरपोर्ट के इतिहास में ढाई दशक की कवायद के बाद एक और सफलता जुड़ जाएगी। यहां विमान की सफल लैंडिंग के बाद विमान कुछ घंटे बाद ही टेक ऑफ भी करेगा। फिलहाल, इस बड़ी उपलब्धि से पहले रनवे को वाटर कैनन से सलामी दी गई।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को ट्रायल रन से पहले विमान को लैंडिंग की अनुमति के साथ ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने रनवे पर अन्य सुरक्षा उपकरणों का निरीक्षण कर रिपोर्ट दे दी है। इस ट्रायल के बाद यापल वाई अड्डे के प्रमाणीकरण के लिए दस्तावेज को अंतिम रूप देगा और इसे डीजीसीए को सौंप देगा। एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ान संचालन शुरू होने से पहले हवाई अड्डे को डीजीसीए और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) दोनों द्वारा प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी। इन प्रमाणीकरण के लिए समयसीमा का निर्धारण भी किया गया है। यहां बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे के ट्रायल के लिए डीजीसीए से 15 दिसंबर तक की समयसीमा तय की गई है। पहले 30 नवंबर को ट्रायल रन की तारीख नियत की गई थी। मगर, डीजीसीए टीम के निरीक्षण के चलते यह आगे बढ़ गई। कैलिब्रेशन ट्रायल के बाद रनवे का ट्रायल 9 दिसंबर को होगा। यहां बता दें कि अबतक एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्तूबर तक जांच की जा चुकी है।

कैसे शुरू होगा एयरपोर्ट का ऑपरेशन?

एनआईएल के नोडल ऑफिसर शैलेन्द्र भाटिया ने कहा, हमारा मकसद ट्रायल को 15 दिसंबर तक पूरा करना है, जिसके बाद एयरपोर्ट के पूरी तरह से ऑपरेशन को शुरू करने के लिए एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल सहित नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, एनआईएएल और उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी फ्लाइट ट्रायल की निगरानी करेंगे. एनआईएएल के अधिकारियों ने कहा कि इस ट्रायल के बाद, अकासा और इंडिगो एयरलाइंस जैसे एयरलाइन पार्टनर भी अपना ट्रायल कर सकते हैं. यह एयरपोर्ट 1,334 हेक्टेयर में फैला हुआ है, इस एयरपोर्ट को 29,650 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार चरणों में तैयार किया जा रहा है. साथ ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ़ श्नेलमैन टी ने बताया एयरपोर्ट के फोर्थ फेज के तैयार होने के बाद इस एयरपोर्ट पर पूरे साल भर में 7 करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे.

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