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आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति: डॉ0 विजय यादव

-नवें दिन नव प्रवेशित विद्यार्थियों को कराया गया रचना शारीर विभाग का भ्रमण
-कोरोना त्रासदी के बाद पूरे विश्व में उभर कर आया आयुर्वेद

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी फर्रुखाबाद एवं कन्नौज डॉ0 विजय यादव ने सोमवार को कहा कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से हमे जीवन का मार्ग दिखा रहा है।
डा0 यादव मेजर एस0डी0 सिंह पी0जी0 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के नव प्रवेशित बैच के छात्र-छात्राओं की 15 दिवसीय ट्रांजिसनल कैरीकुलम कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मोटीवेशनल क्लास ले रहे थे। उन्होंने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को आयुर्वेद का महत्व बताते हुए कहा कि प्राचीन भारत में आयुर्वेद रोगों के उपचार एवं स्वस्थ जीवन जीने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। उन्होंने कहा कि कोरोना त्रासदी के बाद जो चमत्कार आयुर्वेद ने दिखाए उससे पूरे विश्व में आयुर्वेद का डंका बज रहा है। विदेशों में भी आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्पीच की कक्षा के बाद ट्रऊांजिस्नल कैरीकुलम कार्यक्रम के इंचार्ज डा0 अंकुर सक्सेना ने डा0 यादव का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ0 जॉली सक्सेना, डीन डा0 सुनील कुमार गुप्ता तथा स्वस्थवृत्त के डॉ0 अरुण कुमार पाण्डेय भी मौजूद रहे। संस्कृत के शिक्षक डॉ0 अरिमर्दन सिंह ने संस्कृत की क्लास ली और बच्चों को मोटीवेट किया। रचना शारीर की लेक्चरर डा0 अविधा देवराज सिंह ने नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को विभाग का भ्रमण कराया और उन्हें रचना शारीर के अन्तर्गत पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम से परचित कराया। इससे पूर्व साईं मीर गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की एच0आर0 प्रीति रस्तोगी को नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को बहुमूल्य ज्ञान देकर उनका उत्साहवद्र्धन करने के लिए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ0 जॉली सक्सेना ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय डीन डॉ0 सुनील कुमार गुप्ता, डॉ0 अंकुर सक्सेना, डॉ0 संकल्प सिंह, डॉ0 अरुण कुमार पाण्डेय, डॉ0 इरिना एस चन्द्रन, डॉ0 शिवओम दीक्षित आदि मौजूद रहे।

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