कायमगंज, समृद्धि न्यूज। रमजानुल मुबारक के 21 वें रोजे पर रोजा इफ्तार हुआ। दरगाह हजरत बाबा जूही शाह रहमतुल्लाह अलैह के साहिबे सज्जादा व खलीफा सूफी हजरत मुशीर अहमद क़ादरी चिश्ती वारसी ने जकात व फितरे के बारे में भी जानकारी दी कि नबी करीम हुजूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जो लोग अपने माल की जकात नहीं अदा करेंगे तो कयामत के दिन उनका माल गंजे सांप की शक्ल में उनके गले में पड़ा होगा और वो अपने जबड़ों से उसके मुंह को पकड़े होगा और कहेगा कि मैं तेरा माल हूँ। जकात इस्लाम का चौथा रुक्न है किसी भी मुसलमान के पास 52.2 तोला चांदी या फिर साढ़े 7 तोला सोना है या उसके बदले का कोई माल या रूपया है और उस पर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है तो उस पर 2.5 फीसदी जकात फर्ज है यानि उसके पास 52500 तक रुपये हैं तो जकात वाजिब अब कर्ज का मतलब ये नहीं कि उसके पास लाखों की दौलत है और कर्ज हजारोंमें है तो कर्ज निकालकर जो बचे उस पर जकात दे। ईद की नमाज़ से पहले हर मुसलमान पर फितरा अदा करना फर्ज है और कम से कम 2.045 ग्राम गेहूँ दें या उसके बदले लगभग 60 रुपये दे यहाँ ये समझना ज़रूरी है बल्कि लोगों में आम हो चुका है कि बस इतना ही देना है फतिरा देने की कोई मिकदार नहीं है, बल्कि जो जिस हैसियत का है फितरा अदा करे और जकात का हकदार वो है जिसकी आमदनी 1 रूपया और खर्च 2 रुपया है। अब चाहे वो आपकी बहन हो, भाई हो, पड़ोसी या रिश्तेदार हो। इस मौके पर दरगाह सरपरस्त मसूद खान साहब, हाफिज रिफ्त, जमीर अहमद, आमिर हुसैन, नोमान सिद्दीकी, हाफिज आजम खान, बबलू टेलर, रफीक भाई, प्यारे खान, धनेश गौड़, अकील खान, शिवकांत, आदिल अमा, शाहनवाज खान, बाबू खान, सलीम खान, सनी बाथम, हरिओम, शमशाद, करन भारद्वाज, पवन बाथम, कामरान, कौसर, संजय शर्मा, खलील भाई, एडवोकेट खुशहाल खाँ, शैलू वर्मा, अजहर खाँ, सलमान अंसारी, अजमेरी भाई, नागर खाँ, परवेज, जमील सिद्दीकी, आसिफ़ मंसूरी, रूखसार खान, नावेद खान, विनय सक्सेना, सैय्यद जमाल आदि शामिल रहे।