गनीपुर जोगपुर में जबरदस्ती निकलवाये जा रहे चकरोड़ की जांच कराने की मांग
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भारतीय किसान यूनियन स्वराज ने लेखपाल का स्थानांतरण कराये जाने को लेकर जिलाधिकारी सम्बोधित ज्ञापन संबंधित अधिकारी को सांैपा।
दिये गये ज्ञापन में दर्शाया कि लेखपाल संजीव दुबे पुत्र चन्द्रिका प्रसाद निवासी ग्राम जसमई परगना पहाड़ा तहसील सदर अपने गृह जनपद में नियुक्त काफी समय से है और गृह तहसील सदर में कार्यरत है। उनकी पत्नी ग्राम जसमई की प्रधान है। भाकियू ने लेखपाल संजीव दुबे भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और जनता को अत्याधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेखपाल पर अपने अंश अधिक भूमि पर निर्माण कार्य कराने का मुकदमा विचाराधीन है। उसी भूमि के सम्बन्ध में सांठ-गांठ करके मुकदमा विचाराधीन रहते हुए अपने प्रभाव के चलते अवैध रूप फर्जी वसीयत लगाकर नक्शा पास करा लिया गया है, जबकि प्रार्थी द्वारा पूर्व के कई बार मुकदमा विचाराधीन रहते नक्शा न पास किये जाने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिये गये। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रार्थी से कहा विवादित स्थल का निरीक्षण कराकर ही नक्शा पास करेंगे, परन्तु स्थल का निरीक्षण किये बगैर ही नक्शा पास कर दिया गया है। अवैध तरीके से फर्जी वसीयत के आधारा पर बिना किसी नापजोप करके अवैध तरीके से पास किया गया नक्श निरस्त करने की मांग की है।
वहीं दूसरे ज्ञापन में पीडि़त नाहरसिंह राठौर व गुड्डी देवी पत्नी हवलदार व नमो नारायण पुत्र राम प्रकाश, किरण पत्नी मुकेश, विजय कुमार पुत्र शिव प्रसाद नगर पंचायत नबावगज के रहने वाले हैं। उक्त लोगों की वार्ड नम्बर 12 में गाटा संख्या 856 मौजा गनीपुर जोगपुर निजि भूमिधर जमीन है। जिस पर नगर पंचायत द्वारा जबरदस्ती चकरोड़ डलवाया जा रहा है, जबकि चकरोड़ नक्शे में नहीं है। क्षेत्रीय लेखपाल नरेश कुमार ने भी उक्त गाटा संख्या की पैमाइश की गई और नगर पंचायत को बताया गया कि यहां पर कोई चकरोड़ नहीं है, लेकिन नगर पंचायत ईओ द्वारा जबरदस्ती चकरोड डलवाया जा रहा है। जब कि उक्त गाटा संख्या में राजस्व संहिता की धारा 116 तहत उपजिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय में वाद चल रहा है। जिसमें अग्रिम तिथि 28 मार्च 2025 है। उक्त मामले की विधिवत जांच कराई जाये और नगर पंचायत नबावगंज के द्वारा जबरदस्ती चकरोड को रूकवाया जाये। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन स्वराज के पदाधिकारी मौजूद रहे।
भाकियू ने लेखपाल संजीव दुबे का स्थानांतरण कराये जाने की मांग
