*20 हजार का अर्थदण्ड
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अपर जिला जज विशेष एससी एसटी के न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भाई को दोषी करार देते हुए तीन साल का करवास व बीस हजार रुपये के जुर्माना से दण्डित किया।
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण की पुत्री 25 जुलाई 2014 को शाम पांच बजे गांव में लगे हैंडपंप पर बाल्टी लेकर पानी भरने गई। वह लौटकर घर नहीं आई। पिता खोजते हुए एक ग्रामीण के घर पहुंच गया। वहां पुत्री और किशोर मिला। पुत्री को लेकर घर आया तो वह लडख़ड़ाती हुई आई। घर पर भाई ने बहन को उराहना दिया। भाई के उराहना देने पर किशोरी ने जहर खा लिया। परिजन अस्पताल लेकर गए। वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पिता ने किशोर के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में किशोरी के भाई विक्रांत को आत्महत्या के लिए बहन को उकसाने का आरोपी बना दिया। किशोर और भाई विक्रांत के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। किशोर की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा विशेष अदालत एससीएसटी कोर्ट में चला। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार कटियार, अनुज प्रताप सिंह की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जिला जज विशेष एससी/एसटी न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में भाई विक्रांत को दोषी करार देते हुए 3 वर्ष का कारवास व 20 हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया।
बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भाई को तीन साल की सजा
