भारत से नफरत, हेडली से कनेक्शन, तहव्वुर राणा ने खोले गहरे राज

आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया है और एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। एनआईए की शुरुआती पूछताछ में राणा ने कई खुलासे किए हैं। उसके कई बयानों की पुष्टि हुई है जिसमें ये पता चला है कि राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिंचबुतुनी में हुआ। राणा को अपनी वर्दी और भारत विरोधी भावनाओं का जुनून है, इसलिए वह साजिद मीर, मेजर इकबाल और अन्य से मिलने के लिए पाकिस्तानी सेना की वर्दी या छद्म पोशाक पहनता है। वह सेना छोड़ने के बाद पाकिस्तानी सेना/पाक आईएसआई के साथ लश्कर के कैंप और हुजी इलाके में गया था।

मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए की पूछताछ जारी है. कल यानी शुक्रवार को NIA की टीम ने तहव्वुर से तीन घंटे की पूछताछ की थी. वहीं एनआईए अब तहव्वुर राणा से दुबई में मुलाकात करने वाले उस शख्स के बारे में पूछताछ करेगी, जो 26/ 11 हमले के बारे में पहले से जानता था. इस अंजान शख्स की राणा से दुबई में मुलाकात हुई थी. ऐसे में कौन है वो गुमनाम शख्स जिससे तहव्वुर राणा मुंबई हमले से पहले मिला था? क्या है मुंबई हमले का दुबई कनेक्शन?

NIA को उस शख्स की तलाश है. क्या ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का कोई अधिकारी था या फिर पाकिस्तानी आतंकी संगठन का आका? क्या ये शख्स भी था 26/11 हमले का साजिशकर्ता था? NIA मुंबई हमले के इस गुनाहगार की पहचान के बारे में तहव्वुर राणा से गहन पूछताछ करने वाली है. NIA ये भी पूछताछ करेगी कि हेडली और राणा ने नवंबर 2008 में मुंबई ऑफिस की लीज को रिन्यू क्यों नहीं किया? NIA तहव्वुर राणा से इस बारे में पूछताछ करेगी कि 26/11 हमले के इस साजिशकर्ता से उसकी दुबई में मुलाकात क्यों हुई और किसके निर्देश पर हुई और क्या तहव्वुर राणा ने इस अंजान साजिशकर्ता से मुलाकात हेडली के कहने पर की थी.

हेडली ने राणा को भारत न आने की दी थी चेतावनी

दरअसल, अमेरिका में पकड़े जाने के बाद राणा ने अमेरिका की जांच एजेंसियों के सामने इस शख्स के बारे में खुलासा किया था, जिसको लेकर बकायदा अमेरिकी जांच एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की थी जो हमारे पास मौजूद है. अमेरिकी एजेंसियों ने जांच इंटरसेप्ट किए गए चैट और बातचीत NIA के साथ साझा की हैं. इनमें से एक बातचीत में हेडली ने राणा को 2008 में भारत न आने की चेतावनी दी थी और भारत में संभावित आतंकी हमलों के बारे में बताया था.

हेडली ने दुबई में करवाई थी राणा की उस शख्स से मुलाकात

हेडली ने राणा की दुबई में इस शख्स से मुलाकात भी करवाई थी. एक और इंटरसेप्टेड बातचीत में हेडली ने राणा को बताया था कि साजिशकर्ता ने हमले की पुष्टि कर दी है. सबसे अहम बात यह है कि मुंबई ऑफिस की लीज नवंबर 2008 में समाप्त हो गई थी और न ही राणा और न ही हेडली ने इसे रिन्यू कराया. अगस्त 2005 में हेडली ने राणा को लश्कर की उस साजिश के बारे में बताया, जिसके तहत हेडली को भारत के सार्वजनिक स्थानों और सरकारी इमारतों की रेकी के लिए भेजा जाना था, ताकि किसी संभावित हमले की तैयारी की जा सके.

हेडली ने सुझाव दिया कि लश्कर की रेकी गतिविधियों को छिपाने के लिए राणा की इमिग्रेशन कंपनी का इस्तेमाल किया जाए और वह मुंबई में राणा के लिए एक “इमिग्रेशन कंसल्टेंट” के रूप में काम करने का नाटक करेगा. तहव्वुर को गुरुवार शाम को भारत लाया गया था.

पिता प्रिंसिपल, भाई पत्रकार और डॉक्टर हैं

पूछताछ में तहव्वुर ने बताया कि उसके पिता का नाम राणा वली मोहम्मद है, जो स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उसके दो भाई हैं, जिसमें से एक पाकिस्तानी सेना में मनोचिकित्सक है और दूसरा भाई पेशे से पत्रकार है।

राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल के कैडेट कॉलेज में पढ़ाई की, यहीं उसकी मुलाकात हेडली से हुई। यह स्कूल पाकिस्तानी सेना के जनरल अयूब खान ने बनाया था। तहव्वुर राणा की पत्नी भी डॉक्टर हैं और वह 1997 में पत्नी के साथ राणा कनाडा शिफ्ट हो गया था। तहव्वुर राणा ने इमिग्रेशन सर्विस और हलाल स्लॉटर हाउस भी स्थापित किया।

तहव्वुर राणा का हेडली कनेक्शन 

तहव्वुर राणा ने हेडली को न केवल वीजा दिलाने में मदद की, बल्कि उसके मुस्लिम धर्म और पाकिस्तानी मूल को भी छुपाया और भारत में रहने के दौरान उसे व्यापारी और सैन्य समुदाय में घुलने-मिलने में मदद की। तहव्वुर राणा ने कराची से फ्लाइट पीके247 के टिकट बनवाए और हेडली को मुंबई के लिए सभी ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स जरूरतों के लिए संपर्क या कर्मचारी “बी” दिया। इस “बी” को उनके आतंकी कृत्य के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसे केवल उसके इमिग्रेशन वर्ल्ड के बारे में पता था।

इसी कर्मचारी “बी” ने हेडली के लिए रिसेप्शन, कन्वेयंस, लॉजिंग, ऑफिस कम रेजीडेंस की व्यवस्था की। अब एनआईए तहव्वुर राणा से “बी” का सामना कराने की भी योजना बना रही है। “बी” की मदद से हेडली ने वोडाफोन का नंबर भी ले लिया है। तहव्वुर राणा ने हेडली की मोरक्को की पत्नी फैजा औताला के लिए भी एक पेपर बनवाया।

मिस्ट्री गवाह से भी होगा राणा का आमना सामना

आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिनों की हिरासत में लिया गया है और उससे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई, हमले में शामिल अन्य सहयोगियों और मुंबई के अलावा किन-किन शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी, इन सारे मामलों में पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही राणा का आमना-सामना एक मिस्ट्री गवाह से भी करवाए जाने की बात कही जा रही है। इसी मिस्ट्री गवाह ने साल 2006 में डेविड कोलमैन हेडली का मुंबई में स्वागत किया था और उस समय तहव्वुर राणा का भी यह बेहद खास था।

मुंबई हमले से पहले आगरा क्यों आया था तहव्वुर राणा? होटल में रुका

मुंबई हमले के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा ने हमले से पहले आगरा में भी रेकी की थी। वह अपनी पत्नी के साथ आगरा आया था। बालूगंज के एक होटल में रुका था। सुरक्षा एजेंसियों ने वर्ष 2011 में रिकॉर्ड खंगाला था मगर पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सके थे। मुंबई हमले के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा के आगरा में आकर ताजमहल देखने और पत्नी के साथ होटल में रुकने की जानकारी मिली थी। तब सुरक्षा एजेंसियों ने विदेशी पर्यटकों का डाटा खंगाला था। तब बालूगंज के कई होटलों में छानबीन की गई थी। एलआईयू के पुलिस लाइन के ऑफिस में भी विदेशी पर्यटकों का ब्योरा देखा गया था। तब तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी के आगरा में ठहरने और ताजमहल देखने के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी थी। आज तक यह साफ नहीं हो सका कि मुंबई हमले से पहले राणा आगरा में क्यों आया था? ऐसे में कयास यह लगाए गए थे कि तहव्वुर राणा ने पहचान बदलकर आगरा में प्रवास किया होगा। अब उसके भारत में आने के बाद एनआईए सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में कुछ राज सामने आ सकते हैं।

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