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मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता पर विवाद, 200 करोड़ के खर्च पर तेलंगाना में सियासी बवाल

भारत में इस साल दुनिया की सबसे चर्चित ब्यूटी और मॉडलिंग प्रतियोगिता- मिस वर्ल्ड का आयोजन किया जाना है। फिलहाल इस प्रतियोगिता के आयोजन में एक महीने से ज्यादा का समय है, लेकिन इससे पहले ही राज्य में इसका आयोजन कराए जाने पर सियासी घमासान छिड़ गया है। 

मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं. इस बार इसका आयोजन हैदराबाद में किया जा रहा है. सात से 31 मई तक होने वाली इस प्रतियोगिता की मेजबानी पर तेलंगाना सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है. इस खर्च को लेकर तेलंगाना में सियासी घमासान शुरू हो गया है. आइए जान लेते हैं कि भारत में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन से क्या फायदा होगा, इससे पहले भारत में कब-कब इंटरनेशनल ब्यूटी कॉम्पिटिशन का आयोजन और विवाद हुआ?

तेलंगाना इस साल 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा. इसके आयोजन पर होने वाले खर्च पर राज्य में विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार पर निशाना साधा है. बीआरएस नेता केटी रामाराव ने कहा है कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है. विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने खुद माना है कि उनकी सरकार पर कर्ज का बोझ है और वह नकदी संकट का सामना कर रही है. ऐसे में ब्यूटी कॉन्टेस्ट पर इतना धन कहां से खर्च हो रहा है. तेलंगाना विधानसभा में वार्षिक बजट पेश किए जाने के दौरान विपक्ष के विधायकों ने प्रदर्शन भी किया.

तेलंगाना सरकार मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का अहम जरिया बताती रही है। मंगलवार को ही मौजूदा मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने तेलंगाना टूरिज्म का प्रचार करते हुए यदागिरीगुट्टा श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के बाहर अलग-अलग जगहों पर गुलाबी साड़ी में फोटो खिंचवाईं। इस पोस्ट में क्रिस्टीना ने लिखा, “यदागिरी गुट्टा मंदिर में आने से मुझे खुशी और शांति मिली। और यह सिर्फ शुरुआत है। मैं तेलंगाना और इसके छिपे हुए खजाने को देखने का इंतजार नहीं कर सकती।”

तेलंगाना क्यों कर रहा है आयोजन?

तेलंगाना इस मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की मेजबानी इसलिए कर रहा है, जिससे राज्य को एक प्रमुख टूरिस्ट सेंटर के रूप में स्थापित कर सके. इस कार्यक्रम के जरिए तेलंगाना को अपनी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, कला और व्यंजनों को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा. यहां 120 देशों की प्रतिभागी करीब एक महीना रहेंगी और इस दौरान इन देशों से अन्य लोग भी आवागमन करेंगे. मौजूदा मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा नई विजेता को ताज पहनाएंगी.

देश को होंगे ये फायदे

इसके अलावा मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के भारत में आयोजन से देश की ब्रांडिंग होगी. टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और निवेश के लिए कंपनियां आगे आ सकती है. ऐसे प्रतिष्ठित आयोजन से तेलंगाना के साथ ही भारत को पूरी दुनिया के सामने ढंग से पेश किया जा सकेगा. इस प्रतियोगिता के बहाने तेलंगाना आने वाले विदेशी देश के दूसरे हिस्सों में भी भ्रमण के लिए जा सकते हैं, जिससे देश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस आयोजन के कारण रेस्टोरेंट-होटल और परिवहन आदि उद्योगों को आर्थिक लाभ भी हो सकता है. अलग-अलग देशों के साथ भारतीय संस्कृति का आदान-प्रदान होगा. साथ ही प्रतियोगिता के आयोजन से जुड़े कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता पर सियासत क्यों शुरू हो गई?

तेलंगाना में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन पर बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (केटीआर) ने सबसे पहले मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने तेलंगाना सरकार पर एक ब्यूटी पेजेंट के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित करने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पेंशन के भुगतान, सरकारी कर्मियों की तनख्वाह, कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन में लगातार देरी हो रही है और ‘जनता के पैसे’ को ब्यूटी कॉन्टेस्ट में लगाया जा रहा है।
कांग्रेस सरकार हमें यह मनवाना चाहती है कि तेलंगाना में सबकुछ ठीक है। जाहिर तौर पर उनके हिसाब से निवेश लगातार आ रहा है। कृषि क्षेत्र बढ़ रहा है। कल्याणकारी योजनाएं उच्चतम स्तर पर हैं और मुख्यमंत्री दिन में 18 घंटे काम कर रहे हैं।

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