कौन है हमलावर नारायण सिंह चौड़ा?
उधर, सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को हिरासत में ले लिया. आरोपी की पहचान 68 साल के नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई. एडीसीपी हरपाल सिंह के मुताबिक, नारायण सिंह पिछले दो दिनों से लगातार दरबार साहिब में मत्था टेकने आ रहा था. उसकी हरकतें संदिग्ध लग रही थीं, जिसके चलते पुलिस ने उस पर पहले से ही नजर बनाए रखी थी. नारायण सिंह गुरदासपुर जिले के चौड़ा गांव का रहने वाला है. आरोपी के खालिस्तानी समर्थक होने का शक जताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वह बेअदबी मामलों को लेकर सुखबीर बादल से नाराज था.
#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple premises in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, are offering 'seva' under the religious punishments pronounced for them by Sri Akal Takht Sahib, on 2nd December.
Details awaited. pic.twitter.com/CFQaoiqLkx
— ANI (@ANI) December 4, 2024
बादल के साथ अन्य नेता भी बने सेवादार
बादल के साथ एक अन्य अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की भूमिका निभाई. हालांकि ढींडसा बुजुर्ग होने के नाते व्हीलचेयर पर थे. इनके अलावा पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने अपनी सजा के तहत बर्तन धोए. साथ ही सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने-अपने गले में छोटे-छोटे बोर्ड लटका रखे थे जिसमें उनके गलत कामों को स्वीकार किया गया, लिखा हुआ था. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक सेवादार के रूप में काम किया.
खालिस्तानी समर्थक है नारायण
नारायण सिंह चौड़ा खुद को गरमख्याली खालिस्तान समर्थक नेता बताता है. वह खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन बब्बर खालसा से भी पूर्व में जुड़ा रहा है. स्वह चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है. साल 2004 में जेल तोड़कर चार खालिस्तानी आतंकी फरार हो गए थे.आरोप है कि नारायण ने इस कांड में आतंकियों की मदद की थी.नारायण सिंह चौड़ा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) UAPA अधिनियम के तहत लंबे वक्त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था. उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं.वो बब्बर खालसा, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था.उसे 28 फरवरी, 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था.
कौन था दल खालसा का संस्थापक?
नारायण सिंह चौड़ा को दल खालसा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की मौत 74 साल की उम्र में हुई. वह एक कुख्यात आतंकी था. उसने 29 सितंबर 1981 में इंडियन एयरलाइंस की दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली उड़ान को हाइजैक कर पाकिस्तान के लाहौर ले गए थे. आईसी-423 विमान में 111 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे. इसके बाद उन्होंने खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले और कई अन्य आतंकियों की रिहाई की मांग की थी. भारत सरकार ने गजिंदर सिंह को टॉप-20 मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल किया था. 30 सितंबर 1981 को पकिस्तान के सुरक्षा बलों ने गजिंदर सिंह और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. लाहौर की एक कोर्ट ने उन्हें 14 साल कैद की सजा सुनाई थी.