दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है। प्रवेश वर्मा ने इस दौरान सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर काम नहीं करेंगे तो कार्रवाई तो होगी। दरअसल प्रवेश वर्मा बीते दिनों पटपड़गंज के दौरे पर पहुंचे। यहां पीडब्ल्यूडी की सड़क के साथ जो नाला है, उसे साफ नहीं किया गया था। उसी से नाराज होकर प्रवेश वर्मा ने यह फैसला लिया है। इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों को सड़क मरम्मत, सीवर सफाई, बाढ़ नियंत्रण और अवैध अतिक्रमणों की समस्या से निपटने का निर्देश देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार इरादे की कमी के कारण दिल्ली में वर्षों से रुके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प है।
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने अपने विभाग में तैनात एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (कार्यकारी अभियंता) को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई उस समय हुई जब मंत्री ने निरीक्षण के दौरान एक नाले की बदतर स्थिति पाई.मंत्री ने पटपड़गंज क्षेत्र में सड़कों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने पाया कि NH-9 (सर्विस लेन), जिसे NH-24 के नाम से भी जाना जाता है, के किनारे बने नाले बुरी हालत में थे और कोई सफाई या रखरखाव कार्य नहीं किया जा रहा था.
मंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी है कि वह इन नालों की सफाई और रखरखाव करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मैंने इस लापरवाही के लिए संबंधित अभियंता के निलंबन का आदेश दिया है. लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 सालों में अधिकारी ‘मोटी चमड़ी’ के हो गए हैं और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह हो चुके हैं. अब सख्त निगरानी और जवाबदेही लागू की जाएगी.
न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन से त्रिलोकपुर तक सड़कों का निरीक्षण
बाद में, मंत्री ने न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन से होते हुए त्रिलोकपुरी के छीला गांव और पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के अन्य इलाकों में सड़कों और नालों का निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि नाले खराब स्थिति में हैं, जिससे स्थानीय लोगों को असुविधा हो रही है. सिंह ने अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने और जलभराव व सफाई की समस्या को हल करने के निर्देश दिए.
मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखें, लेकिन जमीनी हालात बेहद खराब हैं. दिल्ली के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित निरीक्षण और त्वरित कार्रवाई जरूरी है.