वेतन रोकना उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है: संघ
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। माध्यमिक शिक्षक संघ ने जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन देकर तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान करने की मांग की है। ज्ञापन में जिलाध्यक्ष लालाराम दुबे ने कहा कि वेतन रोकना उच्च न्यायालय के आदेश का अवमानना है। मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा 1 नवम्बर 2023 को जारी शासनादेश में बिन्दु 4(1) में सीधी भर्ती द्वारा 7 अगस्त 1993 या उससे पश्चात 30 दिसम्बर 2000 तक धारा 18 के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षक जिनका विनियमितीकरण नहीं है उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा जारी पत्र जो जनपद के समस्त प्रबंधक, प्रधानाचार्यों को सम्बोधित है उसमें 7 अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक के नियुक्त शिक्षकों की सूची मांगी है। उक्त पारिधी के पूर्व नियुक्त शिक्षकों का शासनादेशा में कहीं भी उल्लेख नहीं है। उक्त पारिधी में न आने वाले शिक्षकों की नियुक्ति का उल्लेख न होने के बाद भी वेतन रोकने की कार्यवाही शासनादेश के विपरीत है। एमआईसी फतेहगढ़ के व्यायाम शिक्षक निशीत कुमार सक्सेना की नियुक्ति 9 जनवरी 1990 है। सक्सेना की नियुक्ति के संबंध में उच्च न्यायालय ने 1999 पारित आदेश 4 अगस्त 2004 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि वरिष्ठता एवं अन्य सभी लाभ देय है। जिला विद्यालय निरीक्षक का अनुमोदन भी है।33 वर्षों से निरंतर वेतन प्राप्त कर रहे है। इनके विनियमितीकरण हेतु संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर को भी पत्र प्रेषित किये गये थे। संगठन मांग करता है कि निशीत सक्सेना एवं अन्य शिक्षकों को जिनकी नियुक्ति पूर्व में हुई है उनका भुगतान किया जाये। इस मौके पर जिलाध्यक्ष लालाराम दुबे, नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी, प्रदीप जयसवाल, संतोष दुबे, सतेन्द्र सिंह, शैलेश दुबे, संजीव चौहान व निशीत सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे।