बच्चों को समय पर पैसा न दे सके तो नि:शुल्क शिक्षा योजना बंद कर देने की पीएम से मांग

नि:शुल्क शिक्षा योजना के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों को नहीं मिलती किताबें
आरटीआई का नहीं दिया जबाव, बीएसए कह रहे है शिकायत करके ले लेना पैसा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सर्वशिक्षा अभियान के तहत नि:शुल्क बच्चों को शिक्षा देने की योजना मात्र एक छलावा साबित हो रही है। चिन्हित विद्यालयों में बच्चों का दाखिला करा दिया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा प्रति बच्चे पर खर्चा होने वाली धनराशि पढ़ाई के लिए कई वर्षाे से नहीं दी गई। बिना किताबों के कैसे स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जायेगा। इसी मामले में एक निजी विद्यालय के प्रबंधक राजकुमार ने काफी पहले जन सूचनाधिकार के तहत केंद्र सरकार बेसिक शिक्षाधिकारी से जानकारी चाही कि जिले में कितने विद्यालयों में कितने बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करायी जा रही है और सरकार द्वारा प्रति बच्चे को किताबों आदि पर खर्चा होने वाली कितनी धनराशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। आज तक कोई भी जबाव नहीं आया। विद्यालय प्रबंधक राजकुमार ने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। उनका कहना है कि कई बच्चे उनके विालय में इस योजना के तहत दाखिला लिये है लेकिन आज तक बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पैसा नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार सम्पर्क किया गया संबंधित पटल प्रभारी ने बताया कि अधिकारी का कहना है कि अब वह शिकायत करके ही पैसा ले लें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बच्चे पर ५ हजार रुपया के स्थान पर ७ हजार रुपये वसूले जा रहे है, यह बिल्कुल गलत है। बहुत से बच्चे बिना कॉपी किताब के ही पूरे साल स्कूल में बैठे रहे। बच्चे का आरटीई के तहत एडमिशन होता है तो उस समय उस बच्चे के खाते रुपये भेजना चाहिए। इसलिए यह योजना सिर्फ मजाक बनकर ही रह गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर इस योजना पर देना चाहिए, यदि समय पर धनराशि न दे सकें तो इस योजना को बंद कर दे, जिससे कि बच्चों के भविष्य पर खिलवाड़ न हो सके।

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