फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। चैत्र नवदुर्गा के सातवें दिन नगर के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। भक्तों ने मंदिर में पहुंचकर दुर्गा देवी के सातवें स्वरुप कालरात्रि का विधि विधान से पूजन किया। लोगों ने उपवास रखकर मां की उपासना की। मंदिरों में बाहर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात रहा।
माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्माण्ड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। कहा जाता है कि कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्माण्ड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम आसुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं। इनकी कृपा से भक्त हर तरह के भय से मुक्त हो जाता है। सोमवार को पूजन करने के लिए देवी मंदिरों पर सुबह से लेकर शाम तक भक्तों का आना-जाना लगा रहा। नगर के पल्ला मठिया मंदिर, गुरगांव देवी मंदिर, महाकाल मंदिर, काली देवी मंदिर मऊदरवाजा, बढ़पुर स्थित शीतला देवी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, भोलेपुर स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, फतेहगढ़ के कालीबाड़ी मंदिर सहित नगर के कई छोटे-बड़े सभी मंदिरों में पहुंचकर भक्तों ने माथा टेंका और माता कालरात्रि की पूजा अर्चना कर सर्वमंगल की कामना की। वहीं घरों में व्रत रखे भक्तों ने मां की पूरे दिन आराधना की। शाम को महिलाओं ने मां के भजन कीर्तन किये। मंदिरों से बज रहे घंटा घडिय़ालों की धुन से नगर का माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक नजर आया। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों पर पुलिस तैनात रही।