फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कमांडिंग आफिसर कर्नल रोमिल शर्मा के निर्देशन में आरआरसी फतेहगढ़ में चल रहे एनसीसी के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 34 में कैम्प के तीसरे दिन सभी एनसीसी कैडेट्स को आपदा प्रबंधन की चिकित्सा एवं अग्निशमन इकाई ने विभिन्न आपदाओं से बचाव के तरीके बताए।
जिला आपदा प्रबंधन टीम की तरफ से जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ आयुषमेंद्र परिहार ने एनसीसी कैंप में मानव निर्मित तथा प्राकृतिक आपदाओं के बारे में बताया। जिसमें प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, अग्निकांड, ओलावृष्टि, भूकंप, सुनामी, बादल फटना, कोहरा एवं शीतलहर, चक्रवात, भूस्खलन, कीट आक्रमण, हिमस्खलन, वे-मौसम बारिश, आकाशीय बिजली, आंधी, तूफान, लू प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई एवं गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना, मानव वन्य जीव द्वंद्व, कुआं, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर, नाले, गड्ढा, जल प्रपात में डूबना, सांड एवं वनरोज के आघात से होने वाली घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। वहीं डॉ0 रंधीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में आपदा के रूप में जो देखने को मिल रहा है, वह है हीट वेव अर्थात लू। इस लू से वर्तमान में किस प्रकार से बचा जा सकता है व लू लगने के लक्षण क्या है, उसके बारे में बताया। हीट वेव अर्थात लू लगने के लक्षण शरीर का तापमान बढऩा, तेज बुखार, लगातार उल्टी एवं दस्त होना होता है। हीट वेव मार्च से जून महीने में आती है, जिसमें वातावरण का तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है। तब हीट वेव का असर दिखाई पड़ता है। हीट वेव के समय सभी को चाहिए कि स्थानीय मौसम की जानकारी के लिए रेडियो सुने, टीवी देखें, समाचार पत्र पढें। पर्याप्त पानी पिए भले ही प्यास न लगे। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस घोल, लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि जैसे घरेलू पदार्थ का इस्तेमाल करें। हल्के वजन, हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने। गमछा, टोपी, छतरी आदि के द्वारा अपने सर को ढके। हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं, तौलिया, गमछा भिगोकर सर पर रखें और चेहरा को पानी में कपड़ा धोकर पोंछते रहें। नारियल पानी पिए। गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक से सलाह लें। लू लगने की स्थिति में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर धूप में न निकले। धूप में खड़े वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़े। अग्निशमन विभाग से आए उपनिरीक्षक शिव प्रताप द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर में लगने वाली आग से बचाव के तरीके बताए। घरों में तथा जंगल में किन-किन कारणों से आग लग सकती है तथा उस आग पर कैसे काबू पाया जा सकता है के बारे में बताया। कप्तान संदीप माधव ने राष्ट्रीय एकता व अखंडता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट गिरिजाशंकर, लेफ्टिनेंट पारुल मिश्रा, थर्ड ऑफीसर अचल सिंह पाल तथा अमित दयाल, सूबेदार सुरेश सिंह, बीएचएम संजय सिंह, हवलदार बीबी राणा आदि उपस्थित रहे।