आबकारी मंत्री द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ की गयी समीक्षा बैठक
वर्ष 2023-24 हेतु 50 हजार करोड़ रुपए राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाय।
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजस्व के दृष्टिगत आबकारी विभाग अत्यन्त महत्वपूर्ण विभाग है तथा प्रदेश में राजस्य अर्जन का दूसरा सबसे बड़ा श्रोत है। सोमवार को आबकारी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नितिन अग्रवाल द्वारा विभाग के क्रिया कलार्पा एवं राजस्व प्राप्ति की समीक्षा की गयी।प्रदेश के शेष सभी अधिकारियों द्वारा समीक्षा बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया गया।बैठक में उनके द्वारा बताया गया कि माह नवम्बर तक प्रदेश में 27,340.97 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है जो गतवर्ष 24,958.50 करोड के सापेक्ष लगभग 10 प्रतिशत अधिक है।इस प्रकार अब तक गतवर्ष के सापेक्ष 2,382.47 करोड़ रुपए अधिक है।आबकारी मंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 में आबकारी विभाग द्वारा लगभग 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के लक्ष्य की पूर्ति किये जाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये।जनपद कानपुर में राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्तियों में आशातीत् वृद्धि न होने के सम्बन्ध में प्रभार के उप आबकारी आयुक्त को इसकी समीक्षा करते हुए 15 दिवस के अन्दर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया।उनके द्वारा यह भी अपेक्षा की गयी कि जनपद बागपत में हरियाणा बॉर्डर से लगी दुकानों की स्थिति की समीक्षा कर ले और यदि उक्त दुकानों से जनपद के राजस्व पर प्रभाव पड़ रहा हो तो उनको यथोचित स्थान पर स्थानान्तरित करने के लिये हरियाणा प्रदेश के अधिकारियों से अनुरोध किया जाय।सीमावर्ती जनपदों में पुलिस एवं आबकारी विभाग निरन्तर प्रवर्तन कार्य करते रहे।इसी प्रकार सहारनपुर के बॉर्डर पर भी दुकानों की समीक्षा कर ली जाए तथा यह भी अपेक्षा की गई की ऐसी दुकानों के क्षेत्र में पीटीजी कैमरा लगाकर सीमावर्ती जनपदों में कड़ी निगरानी रखी जाय। प्रदेश में नवम्बर 2023 के माह में तथा चलित योग में राजस्व प्राप्ति में 10 न्यूनतम जनपदों के जिला आबकारी अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।अन्य राज्यों से हो रही तस्करी की रोकथाम हेतु आगरा मथुरा गौतमबुद्ध नगर बागपत सहारनपुर एवं शामली के क्षेत्र में निरंतर निगरानी रखी जाय एवं चेकपोस्ट स्थापित किया जाय। 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को बार/मदिरा दुकानों से शराब किसी भी दशा में न परोसी/बिक्री की जाय।जनपद आगरा,मथुरा,लखनऊ हाईवे से बुंदेलखंड हाईवे के माध्यम से मिर्जापुर होते हुए सोनभद्र के रास्ते शराब की तस्करी पर विशेष निगाह रखी जाए तथा इस संबंध में जीएसटी एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों का भी समुचित सहयोग प्राप्त किया जाए। आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीमों को भी सचेत करते हुए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये।जनपद देवरिया, कुशीनगर,पीलीभीत,बरेली एवं अन्य से क्षेत्र जहां ओवर रेटिंग की शिकायतें यदा-कदा प्राप्त होती हैं उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।किसी भी दशा में प्रदेश के किसी भी जनपद में ओवर रेटिंग न होने पाय।प्रवर्तन कार्य में इस बात का खास ध्यान रखने की आवश्यकता है कि किसी भी दशा में जहरीली शराब की विक्री न होने पाये और न ही जनहानि की कोई घटना संज्ञान में आये, क्योंकि इससे सरकार और विभाग दोनों की छवि धूमिल होती है।असेवित क्षेत्र में दुकानों के सृजन पर भी विचार किया जाय।इस बैठक में प्रमुख सचिव आबकारी,आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश,विशेष सचिव आबकारी,अपर आयुक्त (प्रशासन),अपर आयुक्त (लाइसेसिंग),सभी संयुक्त आबकारी आयुक्त (जोन),सभी उप आबकारी आयुक्त (प्रभार) के साथ आबकारी मुख्यालय, प्रयागराज के अधिकारी उपस्थित रहे।