डॉ0 अनीता रंजन समेत महिलाओं ने उगते सूर्य को दिया अर्घ्य
अंतिम दिन पांचाल घाट पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब
डॉ0 जितेंद्र सिंह यादव ने सभी को दीं छठ पर्व की शुभकामनायेंफर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जिले में लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे व अंतिम दिन पांचाल घाट स्थित गंगा तट पर मेजर एसडी सिंह आयुर्वेदिक पी0जी0 कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की डायरेक्टर डा0 अनीता रंजन व मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डा0 जितेन्द्र सिंह यादव ने सभी के साथ मिलकर उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस महापर्व का समापन हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये।
बिहार-झारखंड में छठ पर्व का विशेष महत्व है। बिहार-झारखंड के लगभग हर घर में छठ पर्व पूरी आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है। साथ ही छठ में शुद्धता का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। नहाय-खाय के दूसरे दिन चावल और गुड़ से बने प्रसाद को भगवान को अर्पित करने के बाद छठ व्रती उस प्रसाद को ग्रहण करती हैं। जिसके बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। पर्व के तीसरे दिन तालाबों, पोखरों और नदियों में खड़े होकर छठ व्रती अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अपने घर लौटती हैं।
पर्व के अंतिम दिन छठ व्रती सुबह-सुबह छठ घाट पर पहुंचती हैं और उगते हुए भगवान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के बाद अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त करती हैं। इस महापर्व में बिहार की पूर्णिया लोकसभा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की माता जी भी मौजदू रही। इस अवसर पर मुख्य रुप से डॉ0 जितेंद्र सिंह यादव, डॉ0 अनीता रंजन, डा0 नीतूश्री, ऊषा, डॉ0 मुकेश विश्वकर्मा, पिंकी, प्रियंका, गीता, रेखा, साधना, निर्मला आदि ने भी सहयोग किया। मान्यता है कि छठ पर्व में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है।
सूर्य को जीवन का कारक माना जाता है। वह सौरमंडल का केंद्र है और सभी ग्रहों को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भक्तजन सूर्य देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतान को लंबी आयु व स्वस्थ जीवन का भी आशीर्वाद मिलता है। सूर्य उपासना प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक भी है। छठ पर्व में अघ्र्य देने की प्रक्रिया में भक्त साफ .सुथरे कपड़े पहनकर नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते हैं और अर्घ्य देते हैं।