अपहरण व हत्या के प्रयास के मामले में अभियुक्त को पांच वर्ष का कारावास

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपहरण व हत्या के प्रयास के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त नेत्रपाल को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया।
वर्ष 1998 को सुखराम सिंह ने दर्ज कराये मुकदमे में दर्शाया था कि मेरी पत्नी सुशीला देवी अपने पुत्र सुधीर कुमार उम्र 10-11 वर्ष को लेकर अपने मायके ग्राम तारापुर थाना मिर्जापुर जनपद फर्रुखाबाद गयी थी। 15 मार्च 1998 को मेरा पुत्र ससुराल से लापता हो गया। उसी समय मेरा चचेरा साला नन्हेलाल भी लापता है। पीडि़त ने नन्हेलाल पर अपने साथियों के साथ मिलकर पुत्र सुधीर को जान से मारने की नियत से अपहरण कर ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़त का आरोप है कि नन्हेलाल की बिना मर्जी से मैने सोहन से लगभग ढाई बीघा जमीन खरीद ली थी। इसी बजह से वह नाराज रहता था। पुलिस ने नन्हेपाल, नेत्रपाल, नरेन्द्र सिंह, सोहन लाल के विरुद्ध धारा 364 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। अभियुक्त नरेन्द्र की पत्रावली अभियुक्त से पृथक की गई। वहीं एसओ रामेश्वर दयाल मौर्य ने अपने हमराहियों के साथ मिलकर जरियनपुर चौराहे से ढाई गांव के पास मुखबिर की सूचना पर एक टै्रक्टर का पीछा करते हुए मिर्जापुर के पास रोक लिया। इस दौरान तीन बदमाश मौके से भाग गये व तीन बदमाशों को पकड़ लिया था। पूछताछ में बदमाशों ने अपना नाम नन्हे लाल, नेत्रपाल व नरेन्द्र सिंह बताया। आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद हुए। पुलिस ने अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 147, 148, 149, 30725 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) महेन्द्र सिंह ने अभियुक्त नेत्रपाल को धारा 364 में पांच वर्ष का कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं धारा 147 में दो वर्ष का कारावास व धारा 148 में दो वर्ष का कारावास व धारा 307/149 में पांच वर्ष का कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 25/27 में दो वर्ष का कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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