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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने उत्पाद शुल्क ₹2 प्रति लीटर बढ़ाया, जनता पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। राहत की बात यह है कि उत्पाद शुल्क के बढ़ने से आम जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रंप प्रशासन की ओर से जवाबी टैरिफ के एलान के बीच लिया गया है। पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें 8 अप्रैल से लागू होंगीं। सरकार की ओर से एक आधिकारिक आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी गई।

सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है। सरकार ने यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रम्प के टैरिफ के बीच लिया है। ANI की खबर के मुताबिक, राजस्व विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए उत्पाद शुल्क की बढ़ोतरी की है। खबर के मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस खबर से खुदरा ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने यह बताया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

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Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG
@PetroleumMin
PSU Oil Marketing Companies have informed that there will be no increase in retail prices of #Petrol and #Diesel, subsequent to the increase effected in Excise Duty Rates today.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं रिकॉर्ड पर पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी में वापस जाएं, तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि वैश्विक कीमत के हिसाब से तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी। एक विनियमन मुक्त क्षेत्र में, आप उनसे बाजार खुदरा मूल्य को तदनुसार समायोजित करने की उम्मीद कर सकते हैं।

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