सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 2707 प्रधानाचार्यों की भर्ती जल्द करेगी सरकार.

*चयन बोर्ड द्वारा की गई भर्ती को हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने के बाद सरकार ने उठाया कदम
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों उ0प्र0 शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा की गई प्रधानाचार्र्यों की नियुक्तियों को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा निरस्त कर दिये जाने के पश्चात अब प्रदेश सरकार सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त चल रहे प्रधानाचार्यों के करीब 2707 पदों पर नियुक्तिं करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को प्रधानाचार्यों के प्रदेश में रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए अधियाचन भेजने जा रही है। अधियाचन भेजने के पश्चात शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर प्रदेश में रिक्त चल रहे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के पदों पर चयन-नियुक्ति की कवायत शुरु की जायेगी। सरकार ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जनपद में रिक्त प्रधानाचार्यों के पदों की सूचना भेजने के लिए कहा है। जनपदों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों का ब्योरा मिलने के पश्चात सरकार माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड को रिक्त प्रधानाचार्यों के पदों का अधियाचन भेजेगी।
जानकारी के अनुसार चयन बोर्ड प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों का अधियाचन प्राप्त होने के पश्चात प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु करेगा। उम्मीद है कि दो-तीन माह बाद प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति हेतु रिक्त पदों का विज्ञापन चयन बोर्ड प्रकाशित करेगा। इसके पश्चात प्रधानाचार्य भर्ती की लिखित परीक्षा होगी फिर चयनित उम्मीदवारों का साक्षात्कार होगा। फिलहाल प्रदेश में रिक्त चल रहे माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के पद पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रुप में विद्यालय के वरिष्ठतम अध्यापक कार्य कर रहे है। प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य का पद सीधी भर्ती का है। विदित है कि माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड द्वारा दिसम्बर 2022 में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की गई थी। प्रधानाचार्य भर्ती के खिलाफ दायर की गई 29 रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने नियुक्तियां नियमों के विपरीत बताते हुए उसे रद्द कर दिया। साथ ही नये सिरे से नियमानुसार प्रधानाचार्यों की नियुक्ति जल्द पूरी करने का आदेश दिया।

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