वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में बने वजूखाना केस की आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी. हिंदू पक्ष राखी सिंह की तरफ से याचिका दाखिल की गई है. राखी सिंह ने वजूखाने के संरक्षित एरिया का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की है. वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2 को वाराणसी जिला जज के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 10 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. जिला कोर्ट ने वजूखाना क्षेत्र का सर्वे करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग कहता है और मुसलमान एक फव्वारा बताते हैं. ये आदेश 21 अक्टूबर 2023 को वाराणसी के जिला जज की ओर से पारित किया गया था. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी पूजा मामले में वादी राखी सिंह की ओर से दायर दीवानी पुनरीक्षण पर सुनवाई कर रहे थे. रिवीजन पिटीशन में कहा गया है था कि वजूखाना क्षेत्र का एएसआई सर्वे इसलिए जरूरी है ताकि पूरी संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित किया जा सके. याचिकाकर्ता के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गैर-आक्रामक तरीकों का उपयोग करके वजूखाना क्षेत्र (शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वे करना संभव है. हालांकि, उनके आवेदन को खारिज करते हुए जिला जज ने अपने आदेश में कहा था कि शीर्ष अदालत ने 17 मई 2022 को उस क्षेत्र को विधिवत संरक्षित करने का आदेश दिया था, जहां ‘शिवलिंग’ पाए जाने की बात कही गई है और इसलिए एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वे करने का निर्देश देना उचित नहीं है क्योंकि यह आदेश का उल्लंघन होगा.