फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नगर में सैकड़ों स्थानों पर होलिका दहन किया गया। लोगों ने सुबह आखत डाले और होलिका माता से अमन चैन कायम रहने की प्रार्थना की।
जानकारी केे अनुसार होली की पूर्व संध्या पर माता बहनों ने होली की विधि विधान से पूजा अर्चना की तथा घर पर बनाये गये विभिन्न प्रकार के व्यंजन अर्पण किये। अद्र्धरात्रि के बाद मुर्हत के अनुसार होलिका दहन किया गया। सुबह करीब ९ से १० बजे के बीच लोगों ने आखत डाले और होलिका माता सुख समृद्धि की कामना की। पुराणों के अनुसार प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नामक एक असुर था जो भगवान विष्णु का कट्टर दुश्मन माना जाता था, लेकिन उसका खुद का पुत्र प्रह्लाद विष्णु जी का सबसे बड़ा भक्त था। उसकी भक्ति को देखकर हिरण्यकश्यप बहुत कुपित रहा करता था। वह चाहता था कि प्रह्लाद उसकी शक्ति को माने और विष्णु की पूजा न करके उसकी पूजा करे। प्रह्लाद ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब हिरण्यकश्यप उसे नाना प्रकार से मार डालने की योजना बनाने लगा। श्री विष्णु कृपा से प्रहलाद हर बार बच जाता था। तब हिरण्यकश्यप के क्रोध का अंत न रहा। उसने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को जलाकर मार डालने की प्रार्थना करने लगा। उसकी बहन होलिका को यह अशीर्वाद था कि वह अग्नि में नहीं जल सकती। अत: उसने अपनी बहन को मनाया कि वह प्रह्लाद को गोद मे लेकर अग्नि में बैठ जाये। अग्नि उसे छू भी न सकेगी लेकिन प्रह्लाद उस अग्नि में भस्म हो जाएगा। बहन ने अपने भाई की बात मान ली और एक नियत समय पर वह प्रह्लाद को गोद में लेकर बैठी। उसने अग्नि का आह्वान किया। आश्चर्यजनक रूप से होलिका उस अग्नि में बुरी तरह झुलस गई जबकि भक्त प्रह्लाद साफ -साफ बच गया। इस प्रकार बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में देश भर में होली मनाई जाती है।
नगर के सैकड़ों स्थानों पर हुआ होलिका दहन
