पति बोला चिकित्सक की लापरवाही से चली गयी पत्नी की जान

आवास विकास स्थित एक अस्पताल में बीते दिन कराया था आपरेशन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
आपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गयी। डाक्टर ने बाहर ले जाने की सलाह दी। परिजन जब उसे कानपुर लेकर एक निजी अस्पताल में पहुंचे, तो डाक्टर ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं परिजनों ने डाक्टर पर गलत आपरेशन करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार सोनू राजपूत उम्र करीब 25 वर्ष निवासी पपियापुर थाना कादरीगेट ने अपनी पत्नी रीना को १ फरवरी को आवास विकास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रीना के पेट में 3 महीने का बच्चा था। जहां उसका डाक्टर मनीष सिंह ने उसका आपरेशन किया। आपरेशन के बाद लेट्रीन के रास्ते से उसके ब्लड आने लगा। जिसकी जानकारी पति ने डाक्टर को दी। जिस पर डाक्टर ने कहा कि बच्चेदानी निकलवा दो। जिस पर सोनू ने हामी भर दी। जब डाक्टर ने चेक किया, तो कहा कि बच्चेदानी नहीं निकल पायेगी, क्योंकि मरीज की हालत ठीक नहीं है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। जब सुबह तबियत ज्यादा खराब हो गईं, तो डाक्टर ने बाहर ले जाने की सलाह दी। जिस पर पति उसे लेकर कानपुर के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। जहां डाक्टर ने देखकर उसे मृत घोषित कर दिया। पति ने कहा कि डाक्टर की लापरवाही से उसकी पत्नी की जान चली गयी। उसने कहा कि वह डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही करेगा। सोनू ने बताया कि उसकी शादी करीब ८ साल पहले हुई थी। उसके एक बेटा अनुभव व एक बेटी स्वीटा है। वह ढाबा संचालक है।

धरती के भगवान नहीं, धरती के हैवान हैं मसेनी अस्पतालों के डाक्टर
फर्रुखाबाद। मसेनी रोड तथा आवास विकास में करीब आधा सैकड़ा अस्पताल संचालित हैं। इन डाक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है और न ही कोई अनुभव। यह लोग अनट्रेंड कर्मचारियों को रखकर उनसे मरीजों का उपचार कराते हैं। सिर्फ पैसों के लालच में मरीजों को अपने जाल में फांस लेते हैं और उनसे पैसे ऐंठते रहते हैं। जब मामला इनके वश का नहीं रहता है, तो मरीज को बाहर ले जाने की सलाह देते हैं। जब बेचारा तीमारदार मरीज को लेकर बाहर जाता है, तो वहां के डाक्टर कह देते हैं कि इसमें कुछ नहीं है। यह तो डेड है। मुख्य चिकित्साधिकारी भी सब जानकर अंजान बने हुए हैं। जब इन पर शिकंजा कसा जाता है, तो यह पैसे खर्च कर मामले को रफादफा कर देते हैं, जिसका खामियाजा बेचारे मरीज को भुगतना पड़ता है। सीएमओ को कुकुरमुत्तों की तरह संचालित ऐसे अस्पताल संचालकों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

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