Headlines

अनजान महिला को पतली, स्मार्ट और गोरी कहा तो खैर नहीं! कोर्ट ने कहा- ये अश्लीलता है

मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि, रात में किसी अनजान महिला को ‘आप पतली हैं, बहुत स्मार्ट और गोरी दिखती हैं, मुझे आप पसंद हैं’ जैसे संदेश भेजना अश्लीलता के बराबर है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी) डीजी ढोबले ने एक पूर्व पार्षद को व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजने के लिए गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए ये टिप्पणियां कीं।

महाराष्ट्र के दिंडोशी की एक सत्र अदालत ने फैसला सुनाया है कि किसी अनजान महिला को आप पतली हैं, बहुत स्मार्ट और गोरी दिखती हैं, मैं आपको पसंद करता हूं जैसे संदेश भेजना अश्लीलता के समान है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा मैसेज महिला की गरिमा की बेइज्जती करने जैसा है. कोर्ट ने आरोपी व्यक्ति पर एक पूर्व पार्षद को व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजने का आरोप पर फैसला सुनाया.

अदालत ने कहा कि कोई भी विवाहित महिला या उसका पति ऐसे व्हाट्सएप संदेशों और अश्लील तस्वीरों को बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर तब जब संदेश भेजने वाला और शिकायतकर्ता एक-दूसरे को नहीं जानते हों. अदालत ने कहा कि यह संदेश और कृत्य महिला की गरिमा का अपमान करने के समान है.

फैसले को सत्र न्यायालय में दी चुनौती

अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता को रात 11 बजे से 12.30 बजे के बीच तस्वीरें और संदेश भेजे गए, जिनमें लिखा था, आप पतली हैं, आप बहुत स्मार्ट दिखती हैं, आप गोरी हैं, मेरी उम्र 40 साल है, आप शादीशुदा हैं या नहीं? और मैं आपको पसंद करता हूं. मामले में आरोपी को 2022 में मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराया था. उसे तीन महीने जेल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि बाद में उसने फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की टिप्पणी

कोर्ट की तरफ से 18 फरवरी के दिए गए आदेश में कहा गया है कि अश्लीलता का आकलन ‘समकालीन सामुदायिक मानकों को लागू करने वाले औसत व्यक्ति’ के दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को रात 11 बजे से 12.30 बजे के बीच ‘आप पतली हैं’, ‘आप बहुत स्मार्ट दिखती हैं’, ‘आप गोरी हैं’, ‘मेरी उम्र 40 वर्ष है’, ‘क्या आप शादीशुदा हैं या नहीं?’ और ‘मैं आपको पसंद करता हूं’ जैसी सामग्री वाली तस्वीरें और संदेश भेजे गए थे।

कोई भी पति नहीं बर्दाश्त करेगा ऐसे संदेश- कोर्ट

अदालत ने कहा कि कोई भी विवाहित महिला या उसका पति जो ‘प्रतिष्ठित और (पूर्व) पार्षद’ है, ऐसे व्हाट्सएप संदेश और अश्लील तस्वीरें बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर जब भेजने वाला और शिकायतकर्ता एक-दूसरे को नहीं जानते हों। अदालत ने कहा, ‘आरोपी की तरफ रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं लाया गया है कि उनके बीच कोई संबंध था’। न्यायाधीश ने माना कि संदेश और कृत्य एक महिला की गरिमा का अपमान करने के बराबर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *