फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति ह्रदय पर आधारित चार अभ्यासों पर आधारित है। शिथिलीकरण की तकनीक से हम शरीर को तनावमुक्त करते हैं। शिथिलीकरण के बाद हृदय आधारित ध्यान में हम और अधिक गहराई को महसूस कर सकते हैं। सुबह के वक्त ध्यान हमें दिनभर शांति और तनावमुक्त रखता है। शाम के वक्त निर्मलीकरण की तकनीक हमें नकारात्मक, उत्तेजित और परेशान करने वाले विचारों से छुटकारा दिलाती हैं। इसमें हम कल्पना करते हैं कि जटिलताएं और अशुद्धयां हमारी पीठ के रास्ते बाहर जा रही हैं। 10 से 15 मिनट बाद हम जब हल्कापन महसूस करने लगते हैं तब विचार लेते हैं कि हीलिंग ऊर्जा हमारे शरीर में आगे से प्रवेश कर रही है। साथ ही शेष बची जटिलताओं और अशुद्धियों को भी बाहर कर रही है। 25 मिनट तक निर्मलीकरण की प्रक्रिया को जारी रखते हैं। यह विचार एकात्म अभियान के अंतर्गत गांव-गांव में आयोजित हो रहे हार्टफुलनेस ध्यान ट्रेनरों ने ग्रामीणों के समक्ष रखे। कमालगंज के वर्ना बुजुर्ग, बलीपुर, कुकी खेल, लैन गांव में लखनऊ से आए प्रशिक्षक सुयश तिवारी ने योग और ध्यान की जीवन में उपयोगिता बताई तथा कहा शाम के वक्त की जाने वाली निर्मलीकरण की क्रिया से हमारे निद्रा चक्र में सुधार आता है। ध्यान प्रशिक्षक गोपाल यादव ने बताया कि सुबह ध्यान से पहले और रात को प्रार्थना के शब्दों पर मनन करते हुए सो जाते हैं। नगला ताल, बहेलिया नगला, हुसैनपुर और प्रशिक्षक कृष्णा ने वर्ना खुर्द, नगला बृजवासी में ध्यान कराया। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के बौद्धिक और संज्ञानात्मक विकास के लिए मस्तिष्क से जुड़ेे व्यायाम का अभ्यास कराया गया। कानपुर से आए प्रशिक्षक निरंकार सिंह ने बढ़पुर ब्लॉक के पापियापुर, अर्जुन नगला, गढिय़ा के प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में ध्यान का प्रशिक्षण दिया। जोनल समन्वयक डॉ0 सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि 190 गांव तक एकात्म अभियान पहुंच चुका हैं।
सुबह के वक्त ध्यान हमें दिनभर शांति और तनावमुक्त रखता है-निरंकार सिंह
