प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं. उन्होंने शनिवार देर रात डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की गई. सभी नेताओं ने अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखी. चाहे युद्ध में शांति की बात हो या फिर चीन का मुद्दा हो. सभी चार देशों के नेताओं ने इस पर खुलकर चर्चा की. क्वाड नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को चिंता जताई. बयान में कहा गया कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर है. हम विवादित क्षेत्रों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती और डराने वाले युद्धाभ्यास के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और इसे जारी रखेंगे. हम तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं, जिसमें खतरनाक युद्धाभ्यास का बढ़ता उपयोग भी शामिल है. हम समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल करना चाहते हैं जैसा कि UNCLOS में दर्शाया गया है.
#WATCH | At the Quad Summit, Prime Minister Narendra Modi says "Our meeting is taking place at a time when the world is surrounded by tensions and conflicts. In such a situation, the QUAD's working together on the basis of shared democratic values is very important for the… pic.twitter.com/OGFFw3ICer
— ANI (@ANI) September 21, 2024
उन्होंने कहा, क्वाड देशों ने स्वास्थ्य, सुरक्षा, महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं। कहा, ‘हमारा स्पष्ट संदेश है- क्वाड यहां रहने, सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है।’ इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन और अपने सभी सहयोगियों को इस सम्मेलन के लिए बधाई दी। साथ ही 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करने की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड देशों का पहला शिखर सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के नेतृत्व में हुआ था.पीएम मोदी ने कहा, “मुझे अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान इस क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने पर बहुत खुशी हो रही है… आपके नेतृत्व में 2021 का पहला शिखर सम्मेलन (QUAD) आयोजित किया गया था. इतने कम समय में हमने हर दिशा में अपने सहयोग को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाया है. आपने इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. क्वाड के प्रति आपकी मजबूत प्रतिबद्धता और योगदान के लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं.” उन्होंने कहा, “क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है. ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हम किसी के खिलाफ नहीं हैं. हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं. स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है.”
चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी: बाइडन
उन्होंने कहा कि आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए एक सकारात्मक प्रभाव देने के लिए पहल की एक श्रृंखला की घोषणा कर रहे हैं। इसमें हमारे क्षेत्रीय साझेदारों को नई समुद्री प्रौद्योगिकियां प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जल क्षेत्र में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप का विस्तार करना शामिल है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा, मुझे विश्वास है।
क्वाड के नेताओं ने की पीएम मोदी की तारीफ
हिंद महासागर में भारत की भूमिका को लेकर क्वाड के नेताओं ने भारत और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंद महासागर में महाशक्ति बनकर उभरा है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को भी भारत के अनुभवों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जापानी पीएम किशिदा ने कहा कि वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन का समर्थन करने की बात कही.
मोदी ने क्वाड को बताया वैश्विक भलाई की शक्ति
जो बाइडेन के शहर में हुई इस क्वाड समिट में पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व तनावों और संघर्षों से घिरा हुआ है इसलिए साथ मिलकर चलना जरूरी है. पीएम मोदी ने क्वाड को वैश्विक भलाई की शक्ति बताया. उन्होंने कहा कि क्वाड सहयोग और साझेदारी के लिए है और हम किसी के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि क्वाड लंबे समय तक टिकने और स्वीकार किए जाने के लिए है.
क्वाड नेताओं का संयुक्त बयान
क्वाड समिट में चारों देशों के नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य में कहा- “हम एक साथ लगभग दो बिलियन लोगों और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम समावेशी, लचीले एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. इंडो-पैसिफिक में चार प्रमुख समुद्री लोकतंत्रों के रूप में हम वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के एक अपरिहार्य तत्व के रूप में इस गतिशील क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए स्पष्ट रूप से खड़े हैं. हम किसी भी अस्थिर या एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जो शक्ति या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते हैं. हम क्षेत्र में हाल ही में किए गए अवैध मिसाइल प्रक्षेपण, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं, की निंदा करते हैं. दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान), प्रशांत द्वीप समूह फोरम (PIF) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) सहित क्षेत्रीय संस्थानों के नेतृत्व के लिए सम्मान क्वाड के प्रयासों के केंद्र में है और रहेगा.” इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी मजबूत है. इससे पहले अमेरिका पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ.