विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तीन अपराधिक कानूनों की स्वयंसेवकों को दी गई जानकारी

अधिवक्ता व स्वयंसेवकों ने वर्कशाप में लिया भाग
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के अनुपालन में केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये ३ अपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के संबंध में वर्कशाप व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन एडीआर भवन सभागार में जनपद के पैनल लांयर व विधिक स्वयं सेवकों की स्टैक होल्डर्स की टे्रनिंग का आयोजन हुआ। अपर जिला जज सचिव ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि पात्रता के आधार के पर सभी विधिक सेवा प्राप्त करने का अधिकार है। जन सामान्य को विधिक सेवायें देने के आशय से लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल पैनल लॉयर मध्यस्थगण, जेल विजिटर एवं पराविधिक स्वयंसेवकों को यथा स्थान पर लगाया गया है। अवकाश के दिनों में भी जनता विधिक सेवाओं का लाभ उठा सकती है। शिवनरेश सिंह द्वारा भारतीय दण्ड संहिता के कानूनों में हुए संसोधन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। सुरेन्द्र कुमार द्वारा भारतीय दण्ड संहिता के अधिनियम के नये कानूनों के संसोधन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि १ जुलाई से यह कानून लागू होंगे। रघुवीर दास ने बताया कि पुराने बने कानून १८६० में बनाये गये थे। जिनका संसोधन २०२३ में हुआ है। जो १ जुलाई से कानूनों का आगमन हो रहा है। सामान्य लोगों एवं विशेषकर अधिकारी व अधिवक्ता एवं पराविधिक स्वयं सेवकों को जागरुक होना आवश्यक है। साथ ही किशोर न्याय अधिनियम २०१५ की जानकारी दी गई। प्रशांत गुप्ता एवं सीता द्वारा किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी दी गई। उन्होंने बाल अपराधियों के बारे में बताया कि अपराध की गंभीरता जमानत को खारिज करने का आधार नहीं है। जमानत केवल किसी ज्ञात अपराधी के साथ संबंध होने की संभावना या उसकी रिहाई का विफल करेगी। इस मौके पर पैनल लॉयर, लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल व स्वयंसेवक मौजूद रहे।

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