कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में दो आरोपियों को जमानत मिलने पर पीड़िता के परिजनों ने दुख जताया। जूनियर डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई जांच को लेकर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि दो संदिग्धों को जमानत मिलने से हम दुखी हैं। हमें सिस्टम ने निराश किया है। वहीं मृत जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे डॉक्टरों ने भी कहा कि हम मायूस हैं, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। वहीं जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज घटना के चार महीने पूरे होने पर पीड़ित जूनियर डॉक्टर को स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में सियालदाह कोर्ट ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई 90 दिनों में दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं कर सकी। इसलिए जमानत दी गई है। इसे लेकर पीड़िता की मां ने कहा कि हमें लगा था कि सीबीआई जांच में तेजी लाएगी और जिम्मेदारों को सजा मिलेगी, लेकिन अब आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद लग रहा है कि सिस्टम हमें निराश कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर दिन हम सोचते हैं कि क्या यह एक और मामला होगा जिसमें शक्तिशाली लोग बिना सजा के बच निकलेंगे। पीड़िता के पिता ने कहा कि हम दुखी हैं। हमने न्याय के लिए सीबीआई पर भरोसा किया था, लेकिन अब हम सोच रहे हैं कि क्या हमारी बेटी को कभी न्याय मिल पाएगा?
जूनियर डॉक्टर्स फिर करेंगे आंदोलन
उन्होंने नागरिक समाज से आंदोलन का आह्वान करते हुए कहा कि जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की शनिवार को बैठक होगी. इस बैठक में आगे के आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. जूनियर डॉक्टर ने असफाकुल्लाह नाइया ने कहा कि सबूतों में हेराफेरी के आरोप पर आरोप पत्र जारी नहीं करने को लेकर भी सीबीआई को जवाब देना होगा. शव को जल्दबाजी में तो नहीं जलाया गया? 12-14 घंटे बाद कोई FIR नहीं दायर की गई? क्या सेमिनार कक्ष में कोई बाहरी व्यक्ति था? इस गलती का जवाब सीबीआई को देना होगा,चार्जशीट दाखिल नहीं किये जाने पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल की जमानत को कोर्ट ने मंजूरी दे दी.
मृत डॉक्टर के पिता का फूटा गुस्सा
मृत लेडी डॉक्टर के पिता ने कहा, ”यह बहुत दुखद घटना है. 90 दिनों के अंदर संदीप घोष और अभिजीत मंडल के खिलाफ क्या करना है, ये भी सीबीआई ने पहले ही लिख लिया था. इस बात के सबूत मिले कि जांच ठीक से नहीं की गई. मैं सीबीआई से निराश हूं. हम कोर्ट जाएंगे. अदालत के बिना हमारे लिए कोई रास्ता नहीं खुला है. उन्होंने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल उठाए. कहा, इस बात के सबूत मिले कि वे जांच सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. हमें अब उच्च न्यायालय जाना होगा. डॉक्टरों के संगठन के नेता उप्पल बनर्जी ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ”इतने सबूत होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी सीबीआई समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी. यह बहुत दुख की बात है. हम बहुत गुस्से में हैं. जांच एजेंसी अपने कर्तव्य में विफल रही है. यहीं नहीं रुकते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘चार्जशीट दाखिल करने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा एनओसी जारी करने के संबंध में व्यर्थ बहाने बनाकर जांच प्रक्रिया में देरी करने का प्रयास किया गया है.हमारे सामने बड़े आंदोलन की राह पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.’