शिक्षक संघ के 23वीें बार लालाराम दुबे बने अध्यक्ष, 22वीें बार नरेन्द्र सोलंकी मंत्री

संतोष व सतेन्द्र के नामांकन करने से बनी गहमा-गहमी
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का वार्षिक चुनाव निर्वाचन अधिकारी अनिल सचान की देखरेख में सर्वसम्मति से स्वामी रामानंद बालिका इंटर कालेज में गहमा-गहमी के बीच सम्पन्न हुआ। सभी पदों पर नामांकन किये गये। अध्यक्ष पद पर केवल लालाराम दुबे का नामांकन हुआ। जिला मंत्री नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी के विरुद्ध सतेन्द्र सिंह ने नामांकन किया। जनपद के शिक्षकों की मनोदशा देखकर सतेन्द्र सिंह ने नामांकन वापस लिया। लालाराम दुबे 23वीं बार जिलाध्यक्ष बने। वहीं नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी 22वीं बार मंत्री बने। शैलेश कुमार कोषाध्यक्ष व संजीव सिंह चौहान आय व्यय निरीक्षक निर्विरोध बनाये गये। साथ ही उपाध्यक्ष पदों पर प्रदीप कुमार जायसवाल ६वीं बार बने। बृजेश कुमार, राजीव दीक्षित, प्रशांत कुमार मिश्रा, रजनीश शिवा उपाध्यक्ष बने। महिला उपाध्यक्ष अनीता कुशवाहा बनी। संयुक्त मंत्री पद पर अनूप कुमार यादव, अमित कुमार, प्राची उपाध्याय, अवधेश कुमार यादव, कृष्णस्वरुप, संदीप कुमार, अभिनव कुमार को बनाया गया। जिला कार्यकारिणी सदस्य शिवकुमार पुष्कर बने। प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य अतुल एंथोनी दास व श्याम लाल बने। चुनाव अधिकारी अनिल सचान ने सभी पदाधिकारियों के निर्वाचन होने की घोषणा की। जनपद के लगभग १८० शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। संगठन के निर्वाचन में करुणेश सिंह, ओमपाल सिंह रघुवंशी, प्रेमपाल सिंह, अवधेश चन्द्र ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, प्रभात दीक्षित, संजीव द्विवेदी, देवेश पाठक, चन्द्रपाल श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे। स्वामी रामानंद बालिका इंटर कालेज के प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री ने सहयोग किया। मोहित मनोहर तिवारी, अनुराग सचान कानपुर से पधारे। इस मौके पर सुधाकर चतुर्वेदी, दिनेश चन्द्र त्रिपाठी, राकेश प्रसाद, अखिलेश पाण्डेय, प्रज्ञेन्दु यादव, संदीप कुमार, तनुजा सरकार, नेहा मिश्रा, इंदु मिश्रा, महेश पाल सिंह उपकारी, सुभाष शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।

शिक्षक नेताओं के दबाव के चलते संतोष व सतेन्द्र ने नामांकन लिया वापस

फर्रुखाबाद। माध्यमिक शिक्षक के चुनाव में पूर्व उपाध्यक्ष संतोष दुबे ने कोषाध्यक्ष पद के लिए शैलेश दुबे के खिलाफ नामांकन किया। वहीं सतेन्द्र सिंह ने जिला मंत्री पद के लिए नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी के खिलाफ नामांकन किया। दोनों नामांकन दाखिल होते ही गहमा-गहमी बढ़ गयी। काफी देर चले मंथन के बाद शिक्षक नेताओं के दबाव के चलते नामांकन वापसी का बीत जाने के बाद नाम वापस लिया गया। सर्वसम्माति से शैलेश दुबे को कोषाध्यक्ष व नरेन्द्र पाल सिंह सोलंकी को मंत्री चुना गया। बताते चले कि 22 साल से जिला मंत्री पद पर कार्य कर रहे नरेन्द्र पाल सिंह के खिलाफ चुनाव लडऩे की हिम्मत सतेन्द्र सिंह जुटायी। ऐसे में चुनाव सम्पन्न होता तो भले ही सतेन्द्र सिंह न जीत पाते, लेकिन एक 22 साल पुरानी परम्परा को तोडऩे में कामयाब रहते। क्योंकि अब युवाओं का समय है। पूरी उम्र पद पर जमे रहना भी गलत है। अध्यक्ष व मंत्री बनने के लिए दूसरों को भी मौका मिलना चाहिए। लालाराम दुबे की चाणाक्य नीति के आगे सतेन्द्र व संतोष विफल हुए। जिस कारण मौजूदा पद से भी सतेन्द्र और संतोष को हाथ धोना पड़ा। अगर चुने हुए नेताओं का पहले जैसा रवैया रहा तो आगे शिक्षक संघ में फूट पडऩा स्वाभाविक है।

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