मेडिकल परीक्षण में घटना की नहीं हुई पुष्टि
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गैंगरैप पाक्सो एक्ट के मामले में फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले वादी के विरूद्ध न्यायाधीश ने कार्यवाही की है।
विगत दो वर्ष पूर्व थाना अमृतपुर क्षेत्र के एक ग्राम निवासी पीडि़त ने पुलिस को दी तहरीर में दर्शाया था कि मेरी 15 वर्षीय पुत्री है जो कि हाईस्कूल की छात्रा है। 11 मई 2022 को मैं अपनी पत्नी के साथ ससुराल गया था। उसी दिन करीब 9 बजे आरोपी गुड्डू मेरी पुत्री को खेत में बुलाकर ले गया। गुड्डू अपने साथी सचिन को भी बुला लिया। दोनों ने पुत्री के साथ बलात्कार किया। उसके बाद गुड्डू ने अपने दो साथी युवकों को और बुला लिया। उन दोनों ने भी मेरी पुत्री के साथ बलात्कार किया। जब मैं 12 मई को घर वापस आया, तो मेरी पुत्री ने घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर न्यायलाय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा विचारण के दौरान पीडि़त बयान में संदेह युक्त थे। वचाव पक्ष ने बताया कि गांव की पुरानी रंजिश की बजह से उक्त लोगों का फसाया जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट व संदेह के लाभ देते हुए अपर जिला जज विशेष पाक्सो एक्ट न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले मुकदमा वादी के विरूद्ध पाक्सो की धारा 22 के तहत कार्यवाही की है।