जबावी मुकदमें में एक पक्ष को 5 वर्ष व दूसरे पक्ष को 7 वर्ष का कारावास

*एक पक्ष ने हत्या व दूसरे ने जानलेवा हमले का दर्ज कराया था मुकदमा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
दो पक्षो में जबाबी मुकदमे में हत्या व गैर इरादतन हत्या के मामले में अपर जिला जज ईसी एक्ट न्यायाधीस राकेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों से सात को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष व सात वर्ष के कारावास से दंडित किया।
वर्ष 1998 को थाना जहानगंज के ग्राम सितौली में आम रस्ता पर शौचालय व बरामदा के निर्माण के मामले दोनों पक्षो में विवाद चल रहा था। 6 अक्टूबर को 1998 को सुबह लगभग 8 बजे दोनों पक्षो में धारधार हथियार से मारपीट व फायरिंग हुई थी। जिसमें एक युवक की गोली लगने से मौत हो गयी थी। वादी सुशील कुमार पुत्र श्रीधर दीक्षित की तहरीर के आधार पर राजकुमार, कृष्णकांत, राधाकांत, राजेश्वर, रामाकांत, उमाकांत के विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। दूसरे पक्ष से वादी कांति देवी ने जानलेवा हत्या के प्रयास के मामले में श्रीधर, सुधीर, नीरज, केशवनन्द, हनारिननदं, अरविंद, आरेन्द्र के खिलाफ 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता हरनाथ सिंह, अखिलेश राजपूत, श्रवण कुमार की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जिला जज ईसी एक्ट न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने मुकदमा अपराध संख्या 108 में हत्या के प्रयास में श्रीधर, सुधीर, नीरज को 7 वर्ष का कारवास व 35 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया। दूसरे पक्ष से गैर इरादतन हत्या के मामले में राजकुमार, कृष्णकांत, राधाकांत, राजेश्वर को दोषी करार देते 5 वर्ष का कारवास व 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। मुकदमा विचारण के दौरान रामाकांत, केशवानंद, हरिनन्दन, अरविंद की मौत हो गई थी। वहीं आरेन्द्र की पत्रावली पृथक कर किशोर न्यायबोर्ड में पृथक कर दी गयी।

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