कलुआ गैंग का साथी देवेन्द्र उर्फ फौजी को फांसी की सजा व 7 लाख 5 हजार का जुर्माना

तीन पर न्यायालय ने किया दोषसिद्ध
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कुख्यात अपराधी कलुआ गैंग व उसके सदस्यों द्वारा पुलिस पार्टी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। जिसमें तीन पुलिस कर्मियों व एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। इसी मामले में विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र/अपर सत्र न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने अभियुक्त कलुआ गैंग के सदस्य देवेन्द्र कुमार उर्फ फौजी पुत्र रक्षपाल निवासी परनिया थाना बीसलपुर पीलीभीत को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा व 7 लाख 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
कोतवाली कायमगंज के उपनिरीक्षक आनन्द कुमार सिंह ने 9 सितम्बर 2005 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें दर्शाया था कि हमराह कां0 सुनील कुमार, कां0 रमेश, कां0 महेन्द्र व पीएसी के एचसीपी चन्द्रपाल सिंह, कां0 समसुल, कां0 सरनाम, हे0कां0 दयाराम, नायक कमलेश दीक्षित, लांस नायक इशरत अली, कां0 राजेश सिंह राठौर, कां0 ओमप्रकाश यादव, कां0 दिलीप कुमार, कां0 कौशलेन्द्र दुबे, कां0 दीनदयाल व ग्रामीण सुरेन्द्र, बदन सिंह, रामनरेश, श्रीपाल, दृगपाल को साथ लेकर ग्राम गण्डुआ से दो नावों द्वारा इकलहरा से गंगा नदी मार्ग से काबिंग करते जुए जा रहे थे। वापस आते समय जब हम लोग 1 किलोमीटर आगे निकले, तभी पहले से घात लगाए बैठे अपराधी गैंग लीडर कल्लू यादव के सदस्यों ने हम लोगों पर जान से करने के नियत से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस पार्टी ने आत्मरक्षा हेतु जवाब में फायरिंग की। कल्लू यादव के साथ नरेश धीमर पुत्र बलवंत सिंह निवासी चाचुआपुर थाना जलालाबाद शाहजहांपुर, देवेंद्र उर्फ फौजी पुत्र राजपाल निवासी पारलिया थाना बीसलपुर पीलीभीत, विनोद पंडित निवासी कारक थाना कलान शाहजहांपुर व 5-6 अन्य बदमाश से मुठभेड़ की। सूचना थाना कपिल व उच्चाधिकारियों को दी गई। मुठभेड़ में पीएसी के एचपी चंद्रपाल सिंह, लांस नायक इशरत अली, कांस्टेबिल दिलीप कुमार तिवारी व ग्रामीण दृगपाल की मृत्यु हो गई। पीएसी के नायक कमलेश दीक्षित, कांस्टेबिल ओमप्रकाश यादव, कांस्टेबिल राजेश सिंह राठौर, थाना कपिल के आरक्षी रमेश बाबू व ग्रामीण सुरेंद्र, बदन सिंह यादव, रामनरेश, श्रीपाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 302, 307  व 14 दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम में उक्त बदमाशों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था। सुनवाई के दौरान 2 नवम्बर 2006 को अभियुक्त विनोद पंडित, नरेश धीमर की शेष अभियुक्तण की पत्रावली से प्रथक की गई। तथा 18 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा अभियुक्त रामपाल उर्फ भगत पत्रावली की भी अन्य अभियुक्तों की पत्रावली से पृथक की गई। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र/अपर सत्र न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने अभियुक्त कलुआ गैंग के सदस्य देवेन्द्र कुमार उर्फ फौजी पुत्र रक्षपाल निवासी परनिया थाना बीसलपुर पीलीभीत को दोषी करार देतु हुए धारा 148 में तीन वर्ष का कारावास व 5  हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 307/149 में आजीव कारावास व २ लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर छह माह का कठोर कारावास भुगतना होगा। धारा 302/149  में मृत्युदण्ड व 5 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर छह माह का कठोर कारावास भुगतना होगा। वहीं अभियुक्त को गर्दन से जब तक लटकाया जाये जब तक उसकी मृत्यु न हो जाये। वहीं कुख्यात अपराधी कलुआ गैंग के सदस्य बहौरा पुत्र फूलन, रामप्रताप व सोनपाल को दोषी करार दिया गया है।

अभियुक्त की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दायर की गई थी याचिका

फर्रुखाबाद। कुख्यात अपराधी कलुआ गैंग के साथी देवेन्द्र कुमार उर्फ फौजी को 19 जनवरी को दोषसिद्ध किया गया था। अभियुक्त के वकील की ओर से न्यायालय में अभियुक्त की मानसिक स्थिति ठीक न होने की याचिका दायर की थी। जिस पर न्यायालय ने जेल से मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। मेडिकल रिपोर्ट आने पर स्थिति साफ हो गयी कि अभियुक्त द्वारा न्यायालय को गुमराह किया जा रहा था। जिस पर न्यायालय ने उसे फांसी की सजा से दंडित कर दिया।

कलुआ से पुलिस की हुई तीन बार मुठभेड़, दरोगा राजेश यादव सहित 8 पुलिस कर्मी हुए थे शहीद, एक ग्रामीण की भी हुई थी मौत

फर्रुखाबाद। करीब 20 वर्ष पहले राजाराम यादव उर्फ कलुआ यादव के गैंग का कायमगंज-कम्पिल क्षेत्र से लेकर जनपद बदायूं, शाहजहांपुर तक आतंक था।
जनपद शाहजहांपुर के परौर थाने के गांव पूरन नगला निवासी कलुआ यादव का आसपास के जिलों में काफी आतंक था। कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में 4 मार्च 2001 को गांव अहमदगंज के निकट बदमाश कलुआ से मुठभेड़ के दौरान कांस्टेबिल शांतिराम शहीद हो गये थे। डकैत उनकी रायफल भी लूट ले गए थे और फिर 26 मार्च 2003 को कंपिल क्षेत्र में कारव की कटरी में कलुआ से मुठभेड़ में तत्कालीन कंपिल थाना प्रभारी राजेश कुमार, मेरापुर थाने के दारोगा उदयवीर सिंह, कंपिल थाने के कांस्टेबल उमेश चंद्र व पीएसी कांस्टेबल सेवाराम यादव भी मुठभेड़ के दौरान हुए शहीद हो गये थे। कलुआ गैंग पुलिस कर्मियों के असलहे व वायरलेस भी लूट ले गये थे। इस मुठभेड़ में दारोगा विवेक श्रीवास्तव, सिपाही मुन्ना सिंह, सूरज सिंह, मोहर सिंह, रक्षपाल सिंह, पीएसी के साधू राम सहित आठ लोग घायल हुए थे। उसके बाद जनवरी 2006 में बरेली पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कलुआ को पुलिस ने मार गिराया गया था।

 

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