फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जिला जज विशेष दस्यु प्रभावित न्यायाधीश शैलेन्द्र सचान ने अभियुक्त हरगोविंद सिंह यादव पुत्र रामभरोसे, योगेश, देवेश पुत्रगण हरगोविंद निवासीगण मोहल्ला शास्त्री नगर कमालगंज को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है तथा 25 हजार रुपया जुर्माना किया है।
वादी के मकान के पास हरगोविन्द सिंह यादव का मकान है। वादी के पुत्र अनिल कुमार गुप्ता से हरगोविन्द सिंह यादव की पुत्री मीनी उर्फ रेनू से काफी समय से प्रेम सम्बन्ध चल रहे थे। इन सम्बन्धों के विषय में हरगोविन्द सिंह एवं उनके परिवार वाले व मोहल्ले वालों को काफी समय जानकारी थी। वादी ने अपने पुत्र की शादी करने के कई प्रयास किये। किन्तु वादी का पुत्र कहीं अन्य जगह शादी करने के लिए तैयार नहीं था। हरगोविन्द सिंह एवं उनके लडक़े भी मीनू उर्फ रेनू पर शादी हेतु लगातार दबाव डाल रहे थे, किन्तु वह अनिल के अतिरिक्त अन्य किसी से शादी करने को तैयार नहीं थी, परन्तु हरगोविन्द व उनके परिजन अनिल से संबंध न रखने का दबाव डाल रहे थे। जिसके चलते यह लोग कई बार मारपीट भी कर चुके थे। इस हर हरगोविन्द सिंह एवं उनके पुत्र वादी के पुत्र अनिल कुमार एवं अपनी पुत्री रेनू से काफी नाराज रहते थे और दोनों को समाप्त करने के प्रयास में थे। वादी का पुत्र अनिल कुमार वैष्णो देवी के दर्शन करने हेतु घर से निकला था। दिनांक 08.06.1998 को समय करीब ४ बजे सुबह वादी के पुत्र अनिल कुमार ने वापस आकर अपना दरवाजा खटखटाया। इसी बीच हरगोविन्द सिंह की पुत्री मीनू उर्फ रेनू अपनी छत पर आकर अनिल को बुलाने लगी। इस हरगोविन्द ंिसंह यादव एवं उसके पुत्र देवेश व योगेश मकान से बाहर निकले और निकलते ही हरगोविन्द ने कहा कि पकड़ लो साले को आज जिन्दा नहीं बचना चाहिए। इस पर तीनों ने अनिल को पकड़ लिया और घसीटते हुए मकान के अंदर ले गये। जानकरी होने पर वादी एवं उसके पुत्र शिव कुमार, विमल कुमार बाहर निकले और दौडक़र हरगोविन्द सिहं के मकान में पहुंचे, तो देखा कि हरगोविन्द, देवेश व योगेश अनिल कुमार को मारपीट रहे थे। हरगोविन्द ने जान से मारने की नियत से अनिल कुमार के ऊपर तमंचे से फायर किया। जो अनिल कुमार लगा और वह गिर गया। इस बीच हरगोविन्द की पुत्री मीनी उर्फ रेनू भी चिल्लाती हुई आयी। जिस पर हरगोविन्द ने कहा कि इसे भी खत्म कर दो। इतना कहने पर योगेश ने चाकू निकालकर मीनू पर वार किया। जिससे वह भी गम्भीर रुप से घायल हो गयी। शोर शराबे पर पड़ोस के जयप्रकाश, सुनील, महेश आदि मौके पर पहुंच गये। जिन्होंने घटना देखी व इन लोगों को ललकारा। जिस पर उपरोक्त लोग धमकी देते हुए भाग गये। घायल मीनू को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गयी। जबकि वादी पुत्र अनिल को लेकर थाने पहुंचा। जहां से पुलिस ने सीएचसी ले जाने की सलाह दी। जहां अनिल की हालत गंभीर होने पर लोहिया रेफर कर दिया गया। वादी ने थाने पर तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने हरगोविन्द से साज करके पीडि़त की रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उल्टे वादी के पुत्र अनिल कुमार के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट धारा 302, 307, 309 आई.पी.सी.दर्ज करा दी थी। तब वादी ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने ३०७ आई.पी.सी. में रिपोर्ट दर्ज की थी। न्यायालय में बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह की पैरवी के आधार पर न्यायाधीश शैलेन्द्र सचान ने हत्या के मामले में अनिल गुप्ता को दोष मुक्त कर दिया और जानलेवा हमले के मामले में हरगोविंद, योगेश, देवेश को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया तथा २५ हजार रुपया जुर्माना लगाया है।