फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। षड्यंत्र के तहत वेतन रोकने व धमकी देने के मामले में सहायक जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर की गई।
थाना मेरापुर के ग्राम दहेलिया निवासी सचिन कुमार पुत्र यतेन्द्र सिंह ने न्यायालय में १५६(३) के तहत याचिका दायर की है। जिसमें दर्शाया कि उसका भाई ललित कुमार प्राथमिक विद्यालय मेरापुर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात है। ८ दिसम्बर २०२३ को सहायक जिला बेसिक शिक्षाधिकारी मोहम्मदाबाद भारती शाक्य ने आकस्मिक निरीक्षण किया। उस दिन ललित अवकाश पर था। सहायक शिक्षाधिकारी ने निरीक्षण आख्या में भी भाई को अवकाश पर होना व सहायक अध्यापक के उपस्थित होने का उल्लेख किया। साथ ही कुछ गलत तथ्यों की रिपोर्ट एमडीएम संबंधित प्रेषित की गई। षड्यंत्र के तहत मेरे भाई को बिना कोई सूचना/नोटिस दिये १८ दिसम्बर को वेतन रोक दिया। जबकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ0प्र0 का आदेश है कि किसी भी कार्मिक का वेतन अथवा वेतन वृद्धि को रोका नहीं जायेगा अन्यथा की स्थिति में कार्यवाही करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। दिसम्बर माह में वेतन न मिलने के कारण भाई का परिवार आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहा है। भाई ललित का लखनऊ में इलाज चल रहा है, जो दवाई न लाने पर बहुत दुखी है। ४ अपै्रल व ८ अपै्रल को दवाई लेने की तारीख थी। वेतन न मिलने पर दवाई नहीं ले पाया। अवकाश के समय निरीक्षण आख्या में कमियो को पूरा कर लेने तथा रोका गया वेतन दिये जाने हेते प्रार्थना पत्र दिये, लेकिन वेतन नहीं दिया गया। भाई ने दवाई कराने के लिए लोन आवेदन किया। २३ मार्च को भाई गारंटर व भाई अनिल के साथ एबीएसए भारती शाक्य के पास सैलरी मोरगेट फार्म पर हस्ताक्षर कराने गया तो एबीएसए ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तथा अभद्रता करते हुए अपमानित किया। एबीएसए ने २० हजार रुपये की रंगदारी मांगी और कहा कि रुपये दो तभी लोन के लिए फार्म पर हस्ताक्षर करेगें, तभी वेतन पर लगी रोक हटवायेंगे। रुपय न होने की बजह से एबीएसए ने धमकी देते हुए कहा कि मैं महिला हूं ऐसे मुकदमे में फंसवाऊंगी, सब बाते करना भूल जाओगे और भगा दिया। एबीएसए कर बात मां को मालूम हुई तो वह सदमा सहन नहीं कर पायी और उनकी हृदयघात २५ मार्च को मौत हो गई। जिसके लिए एबीएसए पूरी तरह जिम्मेदार है। थाने में तहरीर दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।